किराये के घर में भी ग्राम कचहरियों के ऑफिस

3166 ग्राम कचहरियों के पास नही है अपना कार्यालय कार्यालय संचालन के लिए 4.19 करोड़ स्वीकृत पंचायती राज विभाग ने हर कचहरी को कार्यरत बनाने का निर्णय किया सीएम ने सरपंच को वेबकास्टिंग के माध्यम से स्थानीय मामलों के निबटारे का अनुरोध किया पटना : दंगा भड़काने से लेकर अश्लील गाना बजाने वालों के खिलाफ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 26, 2016 6:51 AM
3166 ग्राम कचहरियों के पास नही है अपना कार्यालय
कार्यालय संचालन के लिए 4.19 करोड़ स्वीकृत
पंचायती राज विभाग ने हर कचहरी को कार्यरत बनाने का निर्णय किया
सीएम ने सरपंच को वेबकास्टिंग के माध्यम से स्थानीय मामलों के निबटारे का अनुरोध किया
पटना : दंगा भड़काने से लेकर अश्लील गाना बजाने वालों के खिलाफ ग्राम कचहरियों में होगी सुनवाई. फसल चराने पर किसी जानवर के पैर तोड़ने से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर लड़ाई कर गांव की शांति भंग करनेवालों के खिलाफ भी सरपंच की कचहरी द्वारा सजा सुनाया जायेगा. पंचायती राज विभाग ने हर कचहरी को कार्यरत बनाने का निर्णय किया है. राज्य में 8391 ग्राम कचहरियों में 3166 कचहरियों के पास कार्यालय नहीं है. ऐसी कचहरियों को भी संचालित करने के लिए किराये पर कार्यालय लेने की अनुमति दी गयी है.
विभाग ने भाड़े पर चलनेवाली कचहरियों के कार्यालय को संचालित करने के लिए चार करोड़ 19 लाख 79 हजार, 269 रुपये स्वीकृत कर दिया है. भाड़े पर चलनेवाली हर कचहरी को प्रतिमाह एक हजार किराया दिया जायेगा. अब राज्य की सभी ग्राम कचहरियां एक साथ कार्यरत हो गयी हैं.
पंचायती राज अधिनियम में यह कहा गया है कि ग्राम कचहरी अपनी बैठक उस स्थान पर करेगी जहां ग्राम कचहरी का कार्यालय होगी. बिना कार्यालय के ग्राम कचहरी का संचालन नहीं किया जायेगा. सीएम नीतीश ने न्याय पंचायत को सशक्त बनाने के लिए गंभीर पहल की है. जिन कचहरियों के पास कार्यालय नहीं है उनको किराये पर कार्यालय चलाने के लिए अग्रिम धनराशि जारी कर दी है. मुख्यमंत्री स्वयं सरपंच और उपसरपंचों को वेबकास्टिंग के माध्यम से स्थानीय मामलों के निपटारे का अनुरोध किया.
कचहरियों के लिए कार्यालय की आवश्यकता इसलिए भी महसूस की गयी है कि न्याय पंचायत में विभिन्न तरह के अभिलेखों का रख रखाव किया जाना है. कचहरी में 12 विभिन्न प्रकार के फार्म होते हैं जिसमें आदेश पत्र, दीवानी मुकदमे की बही, फौजदारी मुकदमा की बही, प्रतिवादी या अभियुक्त को दिया गया समन, गवाहों को दिये गये समन की अधकट्टी, जुर्माने की वसूली के लिए आदेश, कचहरी का रोकड़ बही, दाखिल किये गये दस्तावेजों की सूची, नकल के दिये जानेवाले आवेदन पत्र की बही शामिल हैं.

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