क्रॉस लिस्ट में वीआर कॉलेज के 16 छात्रों के दो रोल नंबर, जो स्क्रूटनी के सहारे बन जाते टॉपर

अजब-गजब खेल. वीआर कॉलेज कीरतपुर के कारनामे का परत दर परत खुल रहा काला चिट्ठा पटना : एक छात्र का एक रोल कोड और एक ही रोल नंबर होता है. एडमिट कार्ड में दिये जाने वाले रोल नंबर से ही इंटर पास करने वाले छात्र की पहचान होती है. यही रोल नंबर बिहार विद्यालय परीक्षा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 9, 2016 7:23 AM
अजब-गजब खेल. वीआर कॉलेज कीरतपुर के कारनामे का परत दर परत खुल रहा काला चिट्ठा
पटना : एक छात्र का एक रोल कोड और एक ही रोल नंबर होता है. एडमिट कार्ड में दिये जाने वाले रोल नंबर से ही इंटर पास करने वाले छात्र की पहचान होती है. यही रोल नंबर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास भी रिकॉर्ड के तौर पर रखा जाता है. लेकिन, वीआर कॉलेज से इस साल इंटर परीक्षा देनेवाले 16 छात्रों के दो-दो रोल नंबर हैं.
इनमें से एक रोल नंबर में छात्र को परीक्षा में अनुपस्थित बताया गया है. वहीं, दूसरे में उसे पास दिखाया गया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास वीआर कॉलेज का दो रिजल्ट होता है. कॉलेज के रिजल्ट का जो पहला डाटा है, उसमें कई छात्रों को अनुपस्थित दिखाया गया है. वहीं स्क्रूटनी के बाद अपडेट रिजल्ट डाटा में उसी छात्र को पास करके दिखाया गया है. वीआर कॉलेज के कुछ 16 छात्र ऐसे हैं जिनका दो रोल नंबर है. वीआर कॉलेज के टीआर या क्रास लिस्ट की बात करें तो एक छात्र का नाम दो-दो बार है. दोनों में पिता का नाम भी एक ही है. इस कॉलेज से कुल 650 परीक्षार्थी इंटर साइंस की परीक्षा में शामिल हुए थे. लेकिन तीन परीक्षार्थी को अनुपस्थित बताया गया था. लेकिन जिन 16 छात्रों का रिजल्ट पूरी तरह ब्लैंक है, उन्हें न तो अनुपस्थित बताया गया है और न ही उनके रिजल्ट को ही डाला गया है.
विशाल पर भी नजर : इंटर साइंस 2015 के टॉपर विशाल पर भी एसआइटी की नजर है. विशाल के रिजल्ट की कहानी भी काफी कुछ 2016 की छात्रा शालिनी राय से मिल रही है. 2015 में विशाल का नाम टॉप-10 मेरिट लिस्ट में नहीं था. 10 दिनों के बाद विशाल काे समिति की ओर से इंटर साइंस का टाॅपर घोषित किया गया.

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