दो दवा दुकानदारों को जेल

पटना : गुरुवार को सब्जीबाग स्थित तीन होमियोपैथिक दवा दुकानों पर हुई छापेमारी मामले में औषधि विभाग ने दो लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी है. इन दुकानदारों पर स्प्रिट बेचने का लाइसेंस नहीं होने व नकली दवा बेचने का आरोप है. एफअाइआर के बाद पीरबहोर थाने की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपित दोनों दुकानदार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 6, 2016 8:27 AM
पटना : गुरुवार को सब्जीबाग स्थित तीन होमियोपैथिक दवा दुकानों पर हुई छापेमारी मामले में औषधि विभाग ने दो लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी है. इन दुकानदारों पर स्प्रिट बेचने का लाइसेंस नहीं होने व नकली दवा बेचने का आरोप है. एफअाइआर के बाद पीरबहोर थाने की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपित दोनों दुकानदार रवींद्र कुमार व राकेश कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
घटना के बारे में सुनते ही सभी होमियोपैथिक दवा विक्रेता एकजुट हो गये और विरोध प्रर्दशन किया. नाराज दवा दुकानदारों का कहना था कि औषधि विभाग खुद ड्रग विभाग के नियमों को ताक पर रख कर दुकानों पर छापेमारी कर रही है. होमियोपैथिक दवा विक्रेता संघ के एएन सिंह ने कहा कि गुरुवार को औषधि विभाग ने गलत तरीके से छपेमारी की है.
उनके टीम में एक भी होमियोपैथिक के विशेषज्ञ नहीं थे. स्वास्थ्य सचिव से मिले दवा व्यापारी : होमियोपैथिक दवा व्यापारी शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन से मिले. उन्होंने गलत तरीके से हो रही छापेमारी बंद करने की शिकायत की. केंद्रीय होमियोपैथिक परिषद के अध्यक्ष डॉ एमके शाही ने बताया कि प्रधान सचिव से मुलाकात कर छापेमारी की बात सामने रखी गयी. उन्होंने बताया कि पीरबहोरथाने में बंद दवा दुकानदार अगर सही पाये गये, तो उनको स्वास्थ्य सचिव छोड़ने का आदेश जारी करेंगे.
पटना : केंद्रीय होमियोपैथिक चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डाॅ रामजी सिंह ने औषधि प्रशासन द्वारा होमियोपैथिक दवा दुकानों पर की गयी छापेमारी को गलत बताया है. उन्होंने बताया कि जिस आधार पर औषधि प्रशासन द्वारा दवा दुकानों की जांच की जा रही है, वह अनुचित है.
औषधि प्रशासन द्वारा दवा की पैकिंग को लेकर आपत्ति जतायी जा रही है, जो गलत है. उन्होंने बताया कि एक पाउंड दवा की पैकिंग की इजाजत दो-दो अदालतों द्वारा दी जा चुकी है.
उन्होंने बताया कि होमियोपैथिक एक्ट में प्रावधान है कि एक पाउंड दवा की पैकिंग की जा सकती है. इसी बीच 1994 में सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर कहा कि एक पाउंड की दवा की पैकिंग नहीं की जा सकती है. बस 30 मिली की पैकिंग ही होगी, पर प्रावधान को संशोधित करने के लिए संसद से पारित नहीं कराया गया.

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