मुलायम ऐसा निर्णय नहीं लें जिससे उनका भी नुकसान हो : नीतीश
पटना : समाजवादी पार्टी के महागंठबंधन से अलग होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ऐसा कोई निर्णय नहीं लें, जिससे उनका भी नुकसान हो. उन्होंने कहा कि हम सब मुलायम सिंह जी की इज्जत करते हैं. उन्हें जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं […]
पटना : समाजवादी पार्टी के महागंठबंधन से अलग होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ऐसा कोई निर्णय नहीं लें, जिससे उनका भी नुकसान हो. उन्होंने कहा कि हम सब मुलायम सिंह जी की इज्जत करते हैं. उन्हें जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए.
जनता परिवार में उनका कद बड़ा है. सभी दल मिल-जुल कर कोई निर्णय करेंगे, तो ठीक रहेगा.उन्होंने पत्रकारों से कहा कि महागठबंधन में समाजवादी पार्टी शामिल रहे, इसलिए बातचीत हो रही है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की है.
वे बात कर रहे हैं. राजद सुप्रीमो ने भी बात की है. हम तो चाहते थे कि पूरा जनता परिवार एक हो, लेकिन वह आकार नहीं पाया. सपा के नेता रामगोपाल यादव ने कह दिया था कि डेथ वारंट पर वे दस्तखत नहीं करेंगे. इससे समाजवादी पार्टी को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि जो गलतफहमी पैदा हुई है, उसे सुलझाने में हम सभी लगे हुए हैं. मामला क्या है, हमलोग समझने की कोशिश में लगे हैं.
बिहार के लिए महागंठबंधन हुआ. इसमें मुलायम सिंह यादव को इसका अध्यक्ष बनाया गया. महागंठबंधन का अपना ढांचा है. विधानसभा चुनाव में सीट देने का सवाल गौण है. जब दल मिल गया और वे अध्यक्ष हैं, तो जदयू-राजद सभी के उम्मीदवार तो उनके ही हैं. उन्होंने कहा सपा के निर्णय से पहले उनकी दो सितंबर को ही मुलायम सिंह यादव से बात हुई थी.
सपा को महागंठबंधन से अलग होने जैसा कुछ नहीं लग रहा था. मुलायम सिंह यादव ने अपने पार्टी के प्रतिनिधि के तौर पर पार्टी नेता शिवपाल सिंह यादव को पटना के गांधी मैदान में स्वाभिमान रैली में भाग लेने के लिए भेजा था. क्या बात हो गयी, इसे हमलोग समझने की कोशिश कर रहे हैं?