जबरन जमीन छीनना चाहती है केंद्र सरकार: नीतीश

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र भूमि अध्यादेश के सहारे किसानों की जमीन जबरन छीनना चाहता है. पटना के रवींद्र भवन में पार्टी के किसान सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भाजपा का नाम भारतीय जुमला पार्टी हो गया है. चुनाव के वक्त किसानों को अधिकार देने की बात कही जा रही थी. ... […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2015 6:27 AM
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र भूमि अध्यादेश के सहारे किसानों की जमीन जबरन छीनना चाहता है. पटना के रवींद्र भवन में पार्टी के किसान सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भाजपा का नाम भारतीय जुमला पार्टी हो गया है. चुनाव के वक्त किसानों को अधिकार देने की बात कही जा रही थी.

अब उनका निवाला छीना जा रहा है. नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के वक्त कहा था कि उनकी सरकार बनेगी तो किसानों को खाद, बीज, श्रम, पानी सहित सभी खचरें को मिला कर लागत मूल्य में 50 प्रतिशत जोड़ कर उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देंगे. जब समय आया तो उनकी सरकार ने महज तीन प्रतिशत बढ़ा कर समर्थन मूल्य घोषित कर दिया. नरेंद्र मोदी का वादा था कि काला धन को विदेशों से वापस लायेंगे और हर गरीब आदमी के खाते में 15-20 लाख की राशि जमा हो जायेगी. कितना मिला, सबको पता है.

कुमार ने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 2013 में जब लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल आया था, तब भाजपा की ओर से बोले थे कि जब तक किसानों की सहमति न हो तब तक उनके जमीन का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए. कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण नहीं होने की बात कही थी. अब पूंजीपतियों के हित के लिए बिना संसद की अनुमति के अध्यादेश लाकर 2013 में बने भूमि अधिग्रहण कानून को बदल रहे हैं. किसानों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है.्र भाजपा में अब दम नहीं है यह बात उनके नेता लालकृष्ण आडवाणी की बातों से साबित होता है. कुमार ने कहा कि किसानों की जमीन छीनने में भाजपा वालों को मानवता का ख्याल नहीं आया. मानवता का ख्याल देश के आर्थिक अपराध में शामिल व्यक्ति के लिए आ रहा है, क्योंकि वह पूंजीपतियों में शामिल है. मुख्यमंत्री ने किसानों से इस लड़ाई को कमजोर होने नहीं दे और सभी किसान मिल कर इसका विरोध करते हुए 22 जून के प्रखंड स्तरीय धरने को सफल बनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि बिहार आगे बढ़ेगा, तब ही देश आगे बढ़ेगा. सरकार की तरफ से नीति निर्धारण में जनता की राय ली जा रही है. सरकार जनभागीदारी व जनसंवाद के माध्यम से नीति निर्माण कर अभिनव प्रयोग कर रही है. इससे 2025 में बिहार कैसा होगा इसका मॉडल तैयार कराया जा रहा है. सम्मेलन में मंत्री श्याम रजक, अवधेश कुशवाहा,मनोज कुशवाहा, राज्य सभा सांसद गुलाम रसूल बलियावी, अली अनवर, रामनाथ ठाकुर, विधान पार्षद संजय कुमार गांधी, नीरज कुमार, संजय सिंह,रूदल राय, राणा गंगेश्वर सिंह,कार्यक्रम के संयोजक पूर्व विधायक सतीश कुमार, प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक और प्रदेश संगठन मंत्री उदय शंकर प्रजापति समेत सैकड़ों किसान नेता उपस्थित थे.

बिहार का फैसला केंद्र के लिए भी : वशिष्ठ
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि भाजपा के पास यदि कोई सीएम का उम्मीदवार नहीं है तो यह भी संकल्प ले भाजपाई कि बिहार की जनता का जो फैसला होगा, उससे केंद्र की सरकार भी प्रभावित होगी. उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत लोगों को नजरअंदाज कर केवल पूंजीपतियों के विकास से विकास नहीं होगा. इसके लिए आम किसान का विकास जरूरी है.
किसानों के साथ हकमारी : विजय चौधरी
कृषि व जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी है और वह किसानों के साथ सर्वदा हकमारी कर रही है. वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा कृषि संबंधी योजनाओं में 50 प्रतिशत की कटौती कर किसानों को अधिकार से वंचित कर रही है. किसान आत्महत्या कर रहे हैं और केंद्र सरकार के मंत्री किसानों व जनता से झूठ बोलने में लगे हुए हैं. बिहार सरकार कृषि को विकसित करने में लगी हुई इसके लिए कृषि कैबिनेट व कृषि रोडमैप के जरिये किसानों का विकास किया जा रहा है.
किसानों के साथ हकमारी : विजय
कृषि व जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी है और वह किसानों के साथ सर्वदा हकमारी कर रही है. वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा कृषि संबंधी योजनाओं में 50 प्रतिशत की कटौती कर किसानों को अधिकार से वंचित कर रही है. किसान आत्महत्या कर रहे हैं और केंद्र सरकार के मंत्री किसानों व जनता से झूठ बोलने में लगे हुए हैं. कृषि कैबिनेट व कृषि रोडमैप के जरिये किसानों का विकास किया जा रहा है.