लॉकडाउन : राजधानी पटना में मोबाइल कारोबार को 200 करोड़ का नुकसान

कोरोना महामारी की वजह से पटना जिले में पिछले दो महीने में मोबाइल सेक्‍टर को लगभग 200 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. 17 मई को जब लॉकडाउन का तीसरा चरण समाप्‍त हुआ, तो केंद्र सरकार ने ऑनलाइन कंपनियों को माल बेचने की छूट दे दी. लेकिन, रिटेल कारोबारियों को छूट नहीं मिली.

By Prabhat Khabar | May 26, 2020 5:59 AM

पटना : कोरोना महामारी की वजह से पटना जिले में पिछले दो महीने में मोबाइल सेक्‍टर को लगभग 200 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. 17 मई को जब लॉकडाउन का तीसरा चरण समाप्‍त हुआ, तो केंद्र सरकार ने ऑनलाइन कंपनियों को माल बेचने की छूट दे दी. लेकिन, रिटेल कारोबारियों को छूट नहीं मिली. अकेले पटना में ही 130 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है. पटना शहर में एक हजार से अधिक मोबाइल शॉप हैं. उधर, मोबाइल विक्रेताओं के एसोसिएशन की मानें तो पटना में तीन लाख से अधिक मोबाइल खराब पड़े हैं, जिन्हें ठीक कराने के लिए वे कंपनियों के सर्विस सेंटर और रिपेयरिंग सेंटर खुलने का इंतजार कर रहे हैं.

वहीं, पार्ट्स की सबसे प्रमुख मंडी बाकरगंज बंद होने के कारण रिपेयरिंग सेंटर के संचालक मनमाना भुगतान ले रहे हैं. बाकरगंज में चोरी-छिपे दुकानें खुल रही हैं. दुकानदारों की मानें, तो पार्ट की कोई कमी नहीं है. आम दिनों में मोबाइल कंपनियां अपने वितरकों को टारगेट देकर आकर्षक स्‍कीम जारी कर लाभ पहुंचाती थीं, लेकिन अब बिना स्‍कीम के टारगेट पूरा करने को कह रही हैं. हालांकि, लॉकडाउन की वजह से कई बड़े कॉम्‍प्‍लेक्‍स पूरी तरह नहीं खुले हैं, जहां सैकड़ों दुकानें हैं. जो दुकानें खुल भी रही हैं, तो ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं. इसके कारण बिजनेस पूरी तरह से ठप-सा है. वहीं, ऑनलाइन कंपनियां तो होम डिलिवरी दे रही हैं. ग्राहक संक्रमण के भय से रिटेल दुकानों तक नहीं पहुंच रहे हैं.

पटना में सैमसंग के डिस्‍ट्रिब्‍यूटर राजेश साह ने बताया कि किसी कंपनी के पास स्‍टॉक नहीं. इसका मुख्‍य कारण है कि मोबाइल के अधिकांश पार्ट चीन से आते हैं, जो अभी आ नहीं रहे हैं. इसके कारण मोबाइल का उत्‍पादन प्रभावित है. बहरहाल, टारगेट बंद है, क्‍योंकि अभी मार्केट पूरी तरह खुले नहीं हैं. वहीं पटना मोबाइल रिटेल एसोसिएशन से जुड़े संदीप श्रीवास्‍तव ने कहा कि वितरक के पास मोबाइल का स्‍टाॅक नहीं है. मार्केट में सबसे अधिक मोबाइल 15 हजार से कम वाले बिकते हैं. वे आउट ऑफ स्‍टॉक हैं. साथ ही सर्विस सेंटर नियमित नहीं खुलने से ग्राहकों में आक्रोश है.

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