अस्पतालों में सिर्फ तीन दिन की दवा

पटना : बीएमएसआइसीएलएस का दवा भंडार लगभग खाली हो चला है और अस्पतालों में दवाएं खत्म होती जा रही हैं. हालांकि, अस्पताल प्रशासन अपने भंडार में दवा उपलब्ध होने का दावा कर रहा है, लेकिन डॉक्टर दबी जुबान से मान रहे हैं कि तीन दिनों में 90 प्रतिशत दवाएं खत्म हो जायेंगी. दरअसल, दवा घोटाला […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 30, 2014 7:46 AM
पटना : बीएमएसआइसीएलएस का दवा भंडार लगभग खाली हो चला है और अस्पतालों में दवाएं खत्म होती जा रही हैं. हालांकि, अस्पताल प्रशासन अपने भंडार में दवा उपलब्ध होने का दावा कर रहा है, लेकिन डॉक्टर दबी जुबान से मान रहे हैं कि तीन दिनों में 90 प्रतिशत दवाएं खत्म हो जायेंगी. दरअसल, दवा घोटाला सामने आने के बाद बीएमएसआइसीएलएस को दवा खरीदने से रोक दिया गया और स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किया कि आपात स्थिति में सिविल सजर्न के स्तर पर दवाओं की खरीद होगी.
लेकिन, इसको लेकर विभाग की ओर से फिलहाल कोई पत्र नहीं भेजा गया है. इससे अधिकारी दवा खरीद मामले से खुद को दूर रख रहे हैं. अस्पतालों के ओपीडी व इमरजेंसी में दवाओं की किल्लत दिखने लगी है. कई दवाएं ओपीडी में मरीजों को नहीं मिल रही हैं. जिन अस्पतालों से दवाओं की मांग हो रही है, वहां कुछ भेजी गयी हैं, लेकिन मरीजों की भीड़ के सामने दवाओं की आपूर्ति बेहद कम है.
मेडिकल कॉलेजों में भी नहीं पहुंच रहीं दवाएं
पीएमसीएच, एनएमसीएच, शहरी अस्पताल, पीएचसी, अनुमंडलीय व रेफरल अस्पताल की बात करें, तो दोनों जगहों पर ओपीडी व इमरजेंसी में दवाओं की कमी हो गयी है. पीएमसीएच में दो दिन पहले ओपीडी में दवाएं खत्म हो गयी थीं, इसके बाद निगम से दवाएं भेजी गयी हैं. कुछ दवाएं वहां पहले से स्टॉक में पड़ी हैं, लेकिन वे भी एक माह से अधिक नहीं चलेंगी.
डॉ विमल कारक ने भेजा जवाब
दवा घोटाले में आरोपित पीएमसीएच के पूर्व उपाधीक्षक डॉ विमल कारक व स्टेट ड्रग कंट्रोलर हेमंत कुमार सिन्हा ने अपना जवाब विभाग को भेज दिया है. डॉ कारक ने कहा कि न ही मैं अपनी मरजी से बैठक में आया था और न ही बैठक में कोई निर्णय लिया गया था. टेंडर की बात फाइनल होने की बात अंकित थी. बैठक में निविदा पास होने के समय बस एक बार फाइल दिखायी गयी थी, जिस पर मैंने साइन किया था.
आरोपित अधिकारियों को पांच सितंबर को विभाग ने स्पष्टीकरण भेजा था. सोमवार को भी एक सदस्य के देर शाम स्पष्टीकरण पहुंचने की जानकारी की सूचना है. श्रम विभाग के सचिव संजय कुमार (तत्कालीन एमडी बीएमएसआइसीएल) को भी नोटिस मिला है, लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया है. विभाग ने स्पष्टीकरण भेजने को लेकर समय बढ़ा दिया है. इस कारण भी कुछ लोगों का जवाब लंबित है.
इनसे भी मांगा गया था स्पष्टीकरण
स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह को मानहानि का नोटिस
पटना : पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा सांसद अश्विनी चौबे ने स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह को एक करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा है. यह नोटिस 19 सितंबर को ही भेजा गया था, जो उन्हें मिल गया है. नोटिस में कहा है कि दवा घोटाले में लगाये गये आरोप वापस नहीं लेते हैं तो वे न्यायालय में जायेंगे.
भंडार में लगभग दवाएं खत्म हो गयी हैं और जो भी हैं, वे महज तीन से चार दिनों तक चलेंगी.
त्रिपुरारि कुमार, जीएम, फाइनांस, बीएमएसआइसीएलएस
मंगलवार को सभी मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षकों, सिविल सजर्नों को दवा खरीद के लिए लिखित निर्देश भेज दिया जायेगा.
अनिल कुमार, उपसचिव, स्वास्थ्य विभाग
भंडार में दवाएं उपलब्ध हैं और अभी चलेंगी. फिलहाल जितनी दवाएं भंडार में हैं, वे काफी हैं. लोकल परचेज को लेकर विभाग की ओर से कोई पत्र नहीं आया है.
डॉ केके मिश्र, पटना सिविल सजर्न

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