नये जमाने में कांग्रेस नेतृत्व चार दशक पुराना

पटना : राज्य में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व करनेवाले और मतदाताओं के बीच बड़ा जेनरेशन गैप हो गया है. 1980 के दशक में छात्र राजनीति या युवा राजनीति से निकलने वाले नेताओं के हाथ में प्रदेश कांग्रेस की बागडोर है. इनकाे युवा पीढ़ी के साथ मुद्दों संवाद स्थापित करने में परेशानी आ रही है. राज्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 16, 2020 4:18 AM

पटना : राज्य में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व करनेवाले और मतदाताओं के बीच बड़ा जेनरेशन गैप हो गया है. 1980 के दशक में छात्र राजनीति या युवा राजनीति से निकलने वाले नेताओं के हाथ में प्रदेश कांग्रेस की बागडोर है. इनकाे युवा पीढ़ी के साथ मुद्दों संवाद स्थापित करने में परेशानी आ रही है. राज्य के एक करोड़ 98 लाख मतदाता (27 प्रतिशत) 30-39 वर्ष के हैं, तो एक करोड़ 60 लाख मतदाताओं (22 प्रतिशत) की उम्र 20-29 वर्ष के बीच है.

दो दशकों के बीच जन्म लेनेवाले मतदाता अब निर्णायक दौर में पहुंच गये हैं, तो उनसे संवाद करनेवाले नेता चार दशक पहले से राजनीति में मुकाम पा चुके थे.
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रभावशाली युवा नेता नहीं
प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की बागडोर फिलहाल डाॅ मदन मोहन झा के हाथ में हैं. इनके अलावा जो लोग पार्टी के प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं उसमें पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, तारिक अनवर, डाॅ शकील अहमद, विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह, चंदन बागची, डाॅ ज्योति, अवधेश सिंह, श्याम सुंदर सिंह धीरज, डाॅ समीर कुमार सिंह, अनिल कुमार शर्मा, डाॅ अशोक कुमार व प्रेमचंद्र मिश्र जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं.
ये सभी नेता ट्रांजिस्टर युग के हैं. इस दौर के मतदाता इंटरनेट और सोशल मीडिया के दौर के हैं. इनके बीच संवाद की भाषा नयी है.
इधर, राजद में लालू प्रसाद के बाद युवा नेतृत्व में तेजस्वी ने कमान संभाल ली है. लोजपा में राम विलास पासवान ने अपने बेटे चिराग पासवान व प्रिंस के हाथों में पार्टी की कमान सौंप दी है. कांग्रेस पार्टी ने भी राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की कमान राहुल गांधी व प्रियंका गांधी को सौंप दी है.
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी अपने दूसरे स्तर के नेताओं को वैसा विकसित ही नहीं किया है जैसा कि राजस्थान में सचिन पायलट और मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिंया को मौका मिला. राहुल की टीम में भी बिहार का कोई चर्चित चेहरा शामिल नहीं है जो राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में युवाओं का प्रतिनिधित्व करता हो. ऐसी परिस्थिति में कांग्रेस पार्टी विधानसभा आम चुनाव 2020 के मैदान में उतरने वाली है.

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