शरद यादव ने बंद कमरे में की महागठबंधन के घटक दलों की बैठक, राजद को नहीं किया शामिल

पटना : बिहार में कुछ प्रमुख एवं वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां बंद कमरे में बैठक की. इस बैठक में लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को शामिल नहीं किया गया. राजधानी के एक होटल में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 14, 2020 8:47 PM

पटना : बिहार में कुछ प्रमुख एवं वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां बंद कमरे में बैठक की. इस बैठक में लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को शामिल नहीं किया गया. राजधानी के एक होटल में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी ने शरद यादव के साथ करीब एक घंटा व्यतीत किया.

वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव का नाम एक दिन पहले उन लोगों ने महागठबंधन के चेहरे के तौर पर पेश किये जाने का प्रस्ताव दिया है. कुशवाहा और सहनी के साथ इस बैठक में मौजूद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मौजूद थे. भले ही मांझी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, किंतु कुशवाहा, सहनी के साथ उनके भी विचार राजद नेता तेजस्वी यादव के गठबंधन के नेतृत्व करने की क्षमता को लेकर उत्साहजनक नहीं रहे हैं.

हालांकि, इन नेताओं ने यह बताने से इंकार कर दिया कि बैठक में किन मसलों पर चर्चा हुई. इसके बाद, शरद रांची के लिए रवाना हो गये जहां वह रात्रि विश्राम करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि वह चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से शनिवार को मुलाकात कर सकते हैं.

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस बीच प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोगों का कोई भी समूह बैठक कर सकता है, लेकिन इसे महागठबंधन का बैठक मत कहिये. ऐसी कोई भी बैठक तबतक नहीं बुलायी जा सकती है, जब तक कि इसमें राजद और तेजस्वी यादव शामिल नहीं हो. तिवारी शरद यादव के नाम पर आये प्रस्ताव जमकर बरसे.

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के रहने वाले शरद यादव का अधिकांश राजनीतिक जीवन बिहार में गुजरा है, जहां वह उम्र और संसदीय अनुभव के लिहाज से राजनीतिक नेताओं में वरिष्ठतम हैं. राजद प्रवक्ता ने इंगित किया कि यह याद रखा जाना चाहिए कि पिछले साल हुए आम चुनाव में शरद यादव मधेपुरा लोकसभा सीट से हमारी पार्टी के उम्मीदवार थे.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तेजस्वी यादव को पहले ही महागठबंधन का नेता घोषित किया जा चुका है. तिवारी ने कहा कि इस पर अब और कोई चर्चा नहीं की जा सकती है. गौरतलब है कि लालू प्रसाद के छोटे बेटे तथा पहली बार विधायक बने 30 साल के तेजस्वी यादव को 2017 में प्रसाद के जेल जाने से पहले राजद के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था.

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