बिहार सरकार पहली बार ग्रीन बजट पेश करने की तैयारी में, वित्त विभाग सभी पहलुओं पर कर रहा विचार

पटना : केंद्र सरकार ने इस बार के आम बजट में कृषि और पर्यावरण सेक्टर पर खासतौर से फोकस किया है. इसके मद्देनजर इस बार राज्य सरकार भी पहली बार ग्रीन बजट पेश करने की तैयारी में है. बिहार ग्रीन बजट पेश करनेवाला देश का पहला राज्य होगा.इसमें सरकार की फ्लैगशिप योजना जल-जीवन-हरियाली के सभी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 3, 2020 6:39 AM
पटना : केंद्र सरकार ने इस बार के आम बजट में कृषि और पर्यावरण सेक्टर पर खासतौर से फोकस किया है. इसके मद्देनजर इस बार राज्य सरकार भी पहली बार ग्रीन बजट पेश करने की तैयारी में है. बिहार ग्रीन बजट पेश करनेवाला देश का पहला राज्य होगा.इसमें सरकार की फ्लैगशिप योजना जल-जीवन-हरियाली के सभी अ‌व्यवों को समाहित किया जायेगा.
साथ ही इस योजना के तहत एक वित्तीय वर्ष के दौरान खर्च होने वाली राशि करीब नौ हजार करोड़ को भी समाहित किया जाये. साथ ही इसके अलावा अन्य विभागों में भी इसके तहत निर्धारित की गयी योजनाओं में खर्च होने वाली राशि का अतिरिक्त प्रावधान किया जायेगा. इस बजट को अंतिम रूप देने की कवायद वित्त विभाग के स्तर पर चल रही है. सभी विभागों से इसे लेकर विशेष तौर पर सुझाव मांगा गया है. विभागों से यह पूछा गया है कि इसे बेहतर बनाने के लिए उनके पास इससे संबंधित कौन-कौन सी योजनाएं चलायी जा सकती हैं. इसका पूरा विस्तृत खाका तैयार करके भेजने के लिए कहा गया है.
बिहार ग्रीन बजट पेश करनेवाला देश का पहला राज्य बनेगा
आम लोगों को जोड़ने का होगा प्रावधान
ग्रीन बजट में पर्यावरण संरक्षण पर रहेगा जोर
इस ग्रीन बजट में मुख्य रूप से पर्यावरण संरक्षण, हवा ए‌वं पानी की क्वालिटी को सुधारने, ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन पर जोर व ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने समेत अन्य बातों को समाहित किया जायेगा. साथ ही इसके लिए राज्य सरकार के स्तर पर आने वाले वित्तीय वर्ष में किये जाने वाले सार्थक प्रयासों का भी पूरा लेखा-जोखा रहेगा. जैव विविधता को विकसित करने के साथ बचाने तथा पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए खासतौर से योजनाओं को मूर्त रूप दिया जायेगा.
इस बजट में इन क्षेत्रों से जुड़े रिसर्च को प्रोत्साहित करने और नयी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने पर भी खासतौर फोकस किया गया है. इसमें सीएनजी को बढ़ावा देने के लिए भी खासतौर से योजना समाहित रहेगी. इस बजट में निर्धारित राशि को सिर्फ इनके तहत चिह्नित योजनाओं में ही खर्च करने की अनिवार्यता रहेगी.

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