13000 व्यापारियों का निबंधन रद्द, 86000 का परमिट ब्लॉक

पटना : राज्य सरकार ने समय पर रिटर्न जमा नहीं करने या छह महीने से टैक्स नहीं जमा करने वाले 48 हजार व्यापारियों को चिह्नित किया है. इसमें 13 हजार व्यापारियों का निबंधन रद्द कर दिया है, जबकि दो महीने से ज्यादा समय से रिटर्न नहीं दायर करने वाले 86 हजार व्यापारियों का इ-वे बिल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 23, 2020 9:00 AM
पटना : राज्य सरकार ने समय पर रिटर्न जमा नहीं करने या छह महीने से टैक्स नहीं जमा करने वाले 48 हजार व्यापारियों को चिह्नित किया है. इसमें 13 हजार व्यापारियों का निबंधन रद्द कर दिया है, जबकि दो महीने से ज्यादा समय से रिटर्न नहीं दायर करने वाले 86 हजार व्यापारियों का इ-वे बिल जेनरेट करने की अनुमति को ब्लॉक कर दिया है. जब ये व्यापारी रिटर्न दायर कर देंगे, तभी इन्हें इ-वे बिल जेनरेट करने की फिर से अनुमति दी जायेगी.
यह जानकारी वाणिज्यकर विभाग की सचिव सह आयुक्त डॉ प्रतिमा एस वर्मा ने बुधवार को सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने कहा कि वन टाइम टैक्स सेटलमेंट स्कीम 15 जनवरी से शुरू की गयी है, जो तीन महीने तक चलेगी. इसके जरिये पुराने बकायेदार बिना जुर्माना दिये टैक्स जमाकर राहत पा सकते हैं. उन्होंने कहा कि टैक्स संग्रह के लिए सभी स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं.
साथ ही सर्विस सेक्टर, बैंकिंग, रेलवे, होटल समेत कुछ अन्य नये सेक्टरों में भी राजस्व वसूली की संभावना तलाशी जा रही है. इसके लिए आठ से 10 टीमों का गठन किया गया है. सचिव ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में दूसरे राज्यों से बिहार आने वाले माल के लिए जारी होने वाले रोड परमिट की दर में 4.16% इजाफा हुआ है. इससे स्पष्ट होता है कि राज्य में व्यापार बढ़ा है और इसके आधार पर टैक्स बेस भी बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य में फर्जी नाम-पता पर निबंधन लेने वाले कई व्यापारियों के बारे में जानकारी मिली है. अब तक पांच हजार से ज्यादा की जांच हुई है, जिनमें 706 व्यावसायिक प्रतिष्ठान फर्जी पाये गये हैं. इसके अलावा फर्जी ट्रेडर के मामले में एक सीए समेत नौ व्यवसायियों पर एफआइआर भी दर्ज की गयी है.
इसमें करीब दो हजार करोड़ की गड़बड़ी मिली है. इनसे रिकवरी की कार्रवाई चल रही है. 21 हजार 110 वाहनों की जांच की गयी, जिससे 15 करोड़ और 248 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की जांच कर 84 करोड़ की पेनाल्टी वसूली गयी है. विभागीय स्तर पर लापरवाही बरतने के कारण 10 पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण भी पूछा गया है. इसमें कुछ पर कार्रवाई भी की जा रही है.इस दौरान मार्कंडेय ओझा, संजय कुमार मावंडिया समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
अब तक राजस्व संग्रह का 93% लक्ष्य पूरा
सचिव डॉ प्रतिमा ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए 29 हजार करोड़ के टैक्स संग्रह का लक्ष्य रखा गया है. इसमें अब तक 18 हजार करोड़ का टैक्स जमा हो चुके हैं. सिर्फ दिसंबर तक के लक्ष्य की बात करें, तो 93% लक्ष्य प्राप्त हो चुका है. टैक्स संग्रह में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 3.15% की वृद्धि दर्ज की गयी है.

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