पटना हाइकोर्ट ने दिया आदेश : 18 माह का डीएलएड करने वालों का भी नियोजन

बिहार में जारी है शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पटना : पटना हाइकोर्ट ने 18 महीने का डीएलएड कोर्स करने वाले लाखों युवकों को बड़ी राहत दी है. हाइकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह राज्य में शुरू शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में इन डिग्रीधारियों को भी शामिल करे. न्यायमूर्ति प्रभात कुमार झा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 22, 2020 8:18 AM
बिहार में जारी है शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया
पटना : पटना हाइकोर्ट ने 18 महीने का डीएलएड कोर्स करने वाले लाखों युवकों को बड़ी राहत दी है. हाइकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह राज्य में शुरू शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में इन डिग्रीधारियों को भी शामिल करे.
न्यायमूर्ति प्रभात कुमार झा की एकलपीठ ने संजय कुमार यादव व अन्य की ओर से दायर याचिका को मंजूर करते हुए राज्य सरकार को यह आदेश दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन एनएसओआइ के माध्यम से 18 महीने का डीएलएड कोर्स करने वाले भी राज्य में प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन में आवेदन दे सकते हैं.याचिकर्ताओं की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि जुलाई, 2019 से जारी प्रारंभिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में सरकार ने उन अभ्यार्थियों को आवेदन देने पर रोक लगा दी है, जिन्होंने डिप्लोमा इन एजुकेशन ( डीएलएड ) का कोर्स दो साल के बजाय 18 महीने में पूरा किया है.
कोर्ट को बताया गया था कि दो वर्षीय डीएलएड कोर्स में छह महीने का समायोजन शिक्षकों को उनके द्वारा सरकारी, गैर सरकारी, सहायताप्राप्त स्कूलों में किये गये कार्यों के अनुभवों को देखते हुए किया गया है. छह महीने का यह छूट कानूनन मान्य है. इसका प्रावधान एनसीटीइ कानून में भी है.
पीयू के एमएड व चार बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द
पटना : राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एनसीटीइ) ने पटना विवि ने स्नातकोत्तर शिक्षा विभाग व राज्य के चार बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है. एनसीटीइ की 16 से 18 जनवरी के बीच हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. एनसीटीइ रेगुलेशन- 2014 के अनुरूप पर्याप्त जगह व इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के कारण पटना विवि के स्नातकोत्तर शिक्षा विभाग की मान्यता रद्द की गयी है. अब उक्त विभाग में 2020-21 सत्र से एमएड का नामांकन नहीं हो सकेगा. इस विभाग में दो वर्षीय एमएड कोर्स की पढ़ाई होती थी. इसमें 50 सीटें उपलब्ध थीं.
इसके अलावा एनसीटीइ ने रामबरन राय बीएड कॉलेज, भगवानपुर, वैशाली, कमला भुवनेश्वर बीएड कॉलेज, तेघरा, बेगूसराय, कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विवि, दरभंगा व एमएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, पटना की भी मान्यता रद्द कर दी है. अब इन कॉलेजों में भी बीएड कोर्स में नामांकन नहीं होगा.
कोर्ट ने एनसीटीइ से मांगी थी सफाई
कोर्ट ने जुलाई, 2019 में प्राथमिक शिक्षक नियोजन के लिए 18 महीने के डीएलएड कोर्स को मान्यता देने के लिए एनसीटीइ से सफाई मांगी थी.
एनसीटीइ ने 18 महीने के डीएलएड कोर्स को सिर्फ इन सर्विस शिक्षकों के लिए मान्य बताया था. कोर्ट को बताया गया था कि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने एक आदेश जारी करते हुए 18 महीने के डीएलएड धारी अभ्यार्थियों को शिक्षक नियोजन में आवेदन देने पर रोक लगाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने उस आदेश को भी निरस्त कर दिया. मालूम हो कि एकलपीठ ने मामले में पहले ही सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिस पर मंगलवार को अपना फैसला सुनाया.

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