पटना : राजधानी में टूटा ठंड का सात वर्षों का रिकॉर्ड

मौसम. शहर में 10 साल में एक बार ही पड़ी है इतनी ठंड, 2012 में 30 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री पहुंचा था पटना : पटना में ठंड कहर बरपा रही है. शहर सीवियर कोल्ड की चपेट में है. शहर में शनिवार को सात सालों के न्यूनतम तापमान के नीचे जाने का रिकॉर्ड टूट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 29, 2019 8:50 AM
मौसम. शहर में 10 साल में एक बार ही पड़ी है इतनी ठंड, 2012 में 30 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री पहुंचा था
पटना : पटना में ठंड कहर बरपा रही है. शहर सीवियर कोल्ड की चपेट में है. शहर में शनिवार को सात सालों के न्यूनतम तापमान के नीचे जाने का रिकॉर्ड टूट गया है. पटना में बीते दस वर्षों में इतनी अधिक सर्दी इससे पहले मात्र एकबार पड़ी है. वर्ष 2009 से लेकर 2019 के बीच अब तक मात्र वर्ष 2012के 30 दिसंबर के न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
इसके अलावा वर्ष 2018 के दिसंबर में 6.3 डिग्री सेल्सियस, वर्ष 2017 के दिसंबर में 8.7 डिग्री सेल्सियस, वर्ष 2016 के दिसंबर में 8.7डिग्री सेल्सियस, वर्ष 2015 केदिसंबर में 6.1 डिग्री सेल्सियस, वर्ष 2014 के दिसंबर में 5.6 डिग्री सेल्सियस, वर्ष 2013 के दिसंबर में 8.3 डिग्री सेल्सियस सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है. वहीं पटना में 1961 में 2.2 डिग्री सेल्सियस अब तक सबसे कम तापमान दर्ज किया गया है.
क्या है सीवियर कोल्ड-डे : मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक व वैज्ञानिक आनंद शंकर बताते हैं कि मैदानी इलाके में जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे चला जाता है और अधिकतम तापमान में 4.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होती है, तब कोल्ड-डे कहलाता है. वहीं जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे जाता है और अधिकतम तापमान में 6.4 डिग्री सेल्सियस से अधिक की गिरावट होती है तो सीवियर कोल्ड डे कहा जाता है.
41 में 24 जोड़ी विमान हुए लेट
पटना : घने धुंध के असर से शनिवार को पटना का हवाई परिचालन अस्त-व्यस्त रहा. 41 में 24 जोड़ी विमान लेट से लैंड हुए और फिर उतने ही देर से उड़े भी. सुबह में दृश्यता गिर कर 700 मीटर तक हो जाने के कारण दो घंटे तक विमान का परिचालन नहीं हो सका. दोपहर 11 बजे के बाद दृश्यता हजार मीटर से ऊपर गयी और परिचालन शुरू हुआ.
पहला विमान SG8721 सुबह नौ बजे की बजाय 11:46 बजे लैंड हुआ. लखनऊ से आने वाली इंडिगो की फ्लाइट 6E634 सुबह 9:15 बजे की बजाय 11:09 बजे में 1:54 घंटे की देरी से और बंबई से आने वाली फ्लाइट SG376 सुबह 9:45 बजे की जगह 2:43 घंटे की देरी से दोपहर 12:28 बजे लैंड हुई. दिल्ली से आने वाली इंडिगो की फ्लाइट 6E738 सुबह 10:10 बजे की बजाय 2:28 घंटे की देरी से दोपहर 12:38 बजे लैंड हुई.
अहमदाबाद से पटना आने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट SG954 दोपहर 1:55 बजे की बजाय 2:08 घंटे देरी की से शाम 4:03 बजे लैंड हुई. शाम में आने वाली कई फ्लाइटें भी देर से आयीं. कोलकाता से आने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट SG377 शाम 7:55 बजे की बजाय 2:05 घंटे की देरी से 10 बजे रात में पहुंची. इसके अलावा भी 19 विमान देर से परिचालित हुए, जिसमें 10 विमान एक घंटा से अधिक और नौ विमान एक घंटा से कम देर से उतरे और उड़े.
एक घंटा से अधिक
देर से उतरने वाले विमान
फ्लाइटदेरी (घंटा)
6E6341.54
6E63591.21
6E53731.09
G83731.04
6E7871.10
SG87511.25
AI4071.17
SG7681.26
AI4151.04
6E77171.05
एक घंटा से कम देर से उतरने वाले विमान
फ्लाइट देरी (मिनट)
SG73147
AI40941
UL361741
SG32355
SG625843
G858516
6E612637
6E65323
6E34221
नहीं थम रही ट्रेनों की लेटलतीफी
पटना : कुहासे में ट्रेनों की लेटलतीफी थम नहीं रही है. कुहासे में सिर्फ दिल्ली से आने वाली ट्रेनें ही देर नहीं हो रही हैं, बल्कि, पंजाब, कोटा, इंदौर आदि शहरों से आने वाली ट्रेनें भी देर हो रही हैं. शनिवार को पटना आने वाली अमूमन एक्सप्रेस ट्रेनें घंटों की देरी से पहुंचीं. इससे रेलयात्री परेशान हुए. ट्रेनों के विलंब परिचालन की वजह से यात्रियों को सबसे अधिक खान-पान की दिक्कत झेलनी पड़ी. इसकी वजह यह है कि ट्रेनों को होम सिग्नल पर रोक दिया जाता है, जहां यात्रियों को खाने-पीने के समान नहीं मिलते हैं.
ये ट्रेनें देर से पहुंचीं जंक्शन
– संघमित्रा एक्सप्रेस 1:10 घंटे
– संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस 5:15 घंटे
– राजधानी एक्सप्रेस 5:00 घंटे
– श्रमजीवी एक्सप्रेस 3:15 घंटे
– विक्रमशिला एक्सप्रेस 4:15 घंटे
– अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस 3:35 घंटे
– साउथ बिहार एक्सप्रेस 3:30 घंटे
– डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस 2:30 घंटे
– नॉर्थ-इस्ट एक्सप्रेस 2:10 घंटे
– मगध एक्सप्रेस 8:05 घंटे
– ब्रह्मपुत्र मेल 5:30 घंटे
– कोटा-पटना एक्सप्रेस 2:45 घंटे
आठ घंटे की देरी से पहुंची मगध एक्सप्रेस
दिल्ली से जंक्शन आने वाली अमूमन एक्सप्रेस ट्रेनें घंटों की देरी से पहुंचीं. इनमें मगध एक्सप्रेस सबसे अधिक आठ घंटे की देरी से पहुंची. दिल्ली से आने वाली राजधानी, संपूर्ण क्रांति, श्रमजीवी, विक्रमशिला एक्सप्रेस आदि ट्रेनें घंटों की देरी से पहुंचीं. हालांकि, जंक्शन से दिल्ली के लिए ये ट्रेनें निर्धारित समय से रवाना की गयीं. इससे पटना से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी पड़ी.

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