पटना : एनजीओ पर कसेगा शिकंजा होगी ऑनलाइन मॉनीटरिंग

39 हजार एनजीओ में छह हजार ही देते हैं लेखा-जोखा पटना : राज्य में निबंधित एनजीओ या ट्रस्ट या सोसाइटी की संख्या करीब 39 हजार है, लेकिन इनमें महज छह हजार संस्थान ही अपना लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हैं. बड़ी संख्या में शेष संस्थान या तो डिफंग (निष्क्रिय) पड़े हुए हैं या अपना लेखा-जोखा या ऑडिट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 5, 2019 8:49 AM
39 हजार एनजीओ में छह हजार ही देते हैं लेखा-जोखा
पटना : राज्य में निबंधित एनजीओ या ट्रस्ट या सोसाइटी की संख्या करीब 39 हजार है, लेकिन इनमें महज छह हजार संस्थान ही अपना लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हैं.
बड़ी संख्या में शेष संस्थान या तो डिफंग (निष्क्रिय) पड़े हुए हैं या अपना लेखा-जोखा या ऑडिट रिपोर्ट ही जमा नहीं करते हैं. इससे राज्य सरकार को यह जानकारी नहीं हो पाती है कि उनका कार्यकलाप क्या है. कितनी संख्या में संस्थानों ने वास्तव में ऑडिट रिपोर्ट जमा किया है. इसकी कोई सटीक जानकारी विभाग के पास नहीं है.
कई संस्थान अपने बॉयलाज या निर्धारित कार्य क्षेत्र से अलग हटकर काम करते हैं, लेकिन इनकी कोई समुचित मॉनीटरिंग नहीं हो पाती क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में निबंधित संस्थानों की मॉनीटरिंग की कोई समुचित व्यवस्था विभाग के पास नहीं है. जिनके खिलाफ शिकायत आती है, सिर्फ उनकी ही जांच होती है. इनकी समुचित मॉनीटरिंग करने के लिए निबंधन विभाग एक विशेष वेबसाइट तैयार करवा रहा है. इस पर सभी संस्थान ऑडिट रिपोर्ट से लेकर तमाम जानकारी अपलोड करेंगे.
बन रही है विशेष वेबसाइट
निबंधन विभाग इनकी ऑनलाइन मॉनीटरिंग करने के लिए तैयार करा रहा विशेष वेबसाइट
पिछले चार-पांच साल के दौरान राज्य के सिर्फ दो एनजीओ या संस्थान पर विभाग की तरफ से कार्रवाई करते हुए उनका निबंधन रद्द किया गया था.
इनमें मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में संलिप्त ब्रजेश ठाकुर के संस्थान के अलावा मसौढ़ी की जय प्रकाश नारायण लोक संघर्ष समिति नामक संस्थान शामिल है. मसौढ़ी वाले संस्थान ने जिन बातों का कार्यों का उल्लेख करके अपना निबंधन कराया था, उसके विपरीत कार्य करने की वजह से उस पर कार्रवाई की गयी. इसके अलावा चार-पांच एनजीओ की जांच अभी विभागीय स्तर पर चल रही है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वे सिर्फ उन्हीं एनजीओ या संस्थान की जांच करते हैं, जिनके खिलाफ किसी तरह की शिकायत प्राप्त होती है. इतनी बड़ी संख्या में मौजूद सभी संस्थानों का जांच करना संभव नहीं है.
पटना : आंगनबाड़ी केंद्रों की मोबाइल से होगी निगरानी
पटना : राज्य भर के एक लाख से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों की मोबाइल फोन से निगरानी 2020 से शुरू करने के लिए आइसीडीएस कैश एप्लीकेशन सिस्टम लागू किया जायेगा. इसी कड़ी में छह दिसंबर को पूर्वी चंपारण, मुंगेर, भोजपुर और कैमूर के 11916 आंगनबाड़ी केंद्रों को एप्लीकेशन से जोड़ने का काम पूरा हो जायेगा. वहीं, 12 दिसंबर से नालंदा व पश्चिमी चंपारण में मोबाइल एप लगाने का काम शुरू होगा.
यहां 7519 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत है. समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य भर के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में मोबाइल एप से हर दिन सेविका और सहायिका की निगरानी किया जायेगा. अधिकारी सेंटर खुलने और उसके बंद होने के बीच में कभी भी मुख्यालय से निगरानी कर सकते हैं.

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