बिहार की 5781 पीएम ग्रामीण सड़कों की मेंटेनेंस पाॅलिसी पारदर्शी होगी

पटना : राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तहत ग्रामीण सड़कों का मेंटेनेंस अब पारदर्शी तरीके से हो पायेगा. इससे ठेकेदारों द्वारा सड़कों में की गयी मरम्मत की जानकारी मिलने में आसानी होगी. सड़कों को खराब होने पर उनके मेंटेनेंस का निर्णय लेने में तेजी से कार्रवाई हो सकेगी. साथ ही मेंटेनेंस के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 5, 2019 8:23 AM
पटना : राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तहत ग्रामीण सड़कों का मेंटेनेंस अब पारदर्शी तरीके से हो पायेगा. इससे ठेकेदारों द्वारा सड़कों में की गयी मरम्मत की जानकारी मिलने में आसानी होगी.
सड़कों को खराब होने पर उनके मेंटेनेंस का निर्णय लेने में तेजी से कार्रवाई हो सकेगी. साथ ही मेंटेनेंस के नाम पर किसी भी तरह की धांधली रोकने में मदद मिलेगी. काम करने वाले ठेकेदारों को एक जनवरी से पांच साल तक ऑनलाइन पेमेंट किया जायेगा. साथ ही उन्हें चेक के माध्यम से पैसा देने की व्यवस्था खत्म हो जायेगी. इसके लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश पर एक जनवरी को देश भर में इ-मार्ग प्लेटफॉर्म सॉफ्टवेयर लांच किया जायेगा.
ठेकेदारों का होगा ऑनलाइन पेमेंट
इसका मकसद ग्रामीण सड़क मेंटेनेंस व्यवस्था में पारदर्शिता लाना है. पीएमजीएसवाइ की फिलहाल 5781 सड़कों का रखरखाव पांच साल के लिए बेहतर तरीके से किया जायेगा. इससे ग्रामीण यातायात व्यवस्था सुधरेगी. सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पीएमजीएसवाइ के सड़कों की मेंटेनेंस व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सॉफ्टवेयर लांच करने का निर्देश दिया था. इस सॉफ्टवेयर को एनआइसी भाेपाल ने तैयार किया है. इसके बारे में राज्य के ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों और आइटी के लिए काम करने वालों की ट्रेनिंग 16 दिसंबर को मंत्रालय के विशेषज्ञों द्वारा पटना में होगी.
मुख्य सड़क व पुल के निर्माण कार्यों की होगी जांच
पटना : राज्य में बनने वाली मुख्य सड़कों और पुलों को तय समय में बेहतर क्वालिटी के साथ तैयार करने के लिए लगातार जांच और निगरानी होगी. इनके निर्माण कार्यों की ताजा रिपोर्ट की जानकारी के लिए समीक्षा बैठक से दो दिन पहले उड़नदस्ता दल जांच करेंगे.
साथ ही अपनी जांच रिपोर्ट के बारे में बैठक से दो घंटे पहले वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देंगे. इसके आधार पर सड़कों और पुलों केनिर्माण कार्यों की प्रगति सुनिश्चित की जायेगी. सूत्रों का कहना है कि सड़क और पुल बनाने या ओपीआरएमसी के तहत उनके मेंटेनेंस की स्थल जांच समय-समय पर होने से उसकी ताजा रिपोर्ट मिलती रहेगी. किसी भी समस्या का समाधान करने में देरी नहीं होगी.
इससे परियोजनाओं को समय पर पूरा होने की संभावना बढ़ जायेगी और यातायात व्यवस्था सुधरेगी. इसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा.
जांच दल की संख्या बढ़ी
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस पूरी व्यवस्था के लिए जांच दलों की संख्या बढ़ायी गयी है. इसकी जिम्मेवारी परीक्षण प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान को भी दी गयी है. पहले विभाग में केवल चार उड़नदस्ता दल थे. प्रत्येक दल सप्ताह में दो दिन जांच के लिए जाते थे. अब विभाग के सभी 11 प्रमंडलों में एक-एक उड़नदस्ता दल गठित करने का सुपरिटेंडिंग इंजीनियर को निर्देश दिया गया है. इनका गठन हो गया है. ऐसे में विभाग में उड़नदस्ता दलों की संख्या बढ़कर 15 हो गयी है.

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