पटना : नमामि गंगे कार्यक्रम की आठ प्रोजेक्टों पर गलत जानकारी

पटना : नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत राज्य के विभिन्न शहरों में किये जा रहे काम में त्रुटि व अनियमितता पायी गयी हैं. कई जगहों पर बनाये जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से लेकर अन्य प्रोजेक्टों में नगर विकास व आवास विभाग ने स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप की रिपोर्ट के माध्यम से गलतियों को पकड़ा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 4, 2019 9:02 AM
पटना : नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत राज्य के विभिन्न शहरों में किये जा रहे काम में त्रुटि व अनियमितता पायी गयी हैं. कई जगहों पर बनाये जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से लेकर अन्य प्रोजेक्टों में नगर विकास व आवास विभाग ने स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप की रिपोर्ट के माध्यम से गलतियों को पकड़ा है. अब विभाग बतौर एसपीएमजी काम कर रही मुंबई की एजेंसी पारामॉन कांसेप्ट लिमिटेड से स्पष्टीकरण पूछा गया है कि आखिर प्रोजेक्ट के बारे में गलत जानकारी विभाग को क्यों दी जा रही है.
साथ ही एजेंसी को सोमवार तक जवाब देने का भी निर्देश है. विभाग ने कहा है कि एसपीएमजी के रूप में एजेंसी का कार्य अत्यंत असंतोषजनक है.
कर्मियों को वाजिब पैसा नहीं दे रही एजेंसी : विभाग ने कहा है कि कई प्रोजेक्टों पर काम करे रहे कर्मियों को एजेंसी द्वारा वाजिब पैसा नहीं दिया जा रहा है, जो विभाग व एजेंसी के बीच एग्रीमेंट का उल्लंघन है. गौरतलब है कि एपीएमजी का काम विभाग और किसी भी निर्माण को पूरा कर रहे संवेदक के बीच का होता है. एजेंसी प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग करती है.
इन प्रोजेक्टों पर मांगा गया जवाब
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बख्तियारपुर में आइएंडडी और एसटीपी योजना में संवेद के साथ एग्रीमेंट में 27 अगस्त को हो गया था,लेकिन एजेंसी ने विभाग को दिये रिपोर्ट में एसपीएमजी द्वारा कहा गया कि अभी एग्रीमेंट बाकी है.
इसका मतलब कि एजेंसी योजनाओं की जानकारी नहीं रख पाती. इसके अलावा मनेर में भी आइएंडडी और एसटीपी प्रोजेक्ट में काम करने वाले संवेदक के साथ एग्रीमेंट की जानकारी नहीं दी गयी. भागलपुर में आइएंडडी और एसटीपी में अब तक योजना के निविदा का विस्तार नहीं किया गया, जबकि एजेंसी ने विभाग को बता दिया कि जुलाई 2020 में पूरा हो जायेगा.
इसी प्रकार बेगूसराय में एसटीपी व सीवरेज लाइन निर्माण के निविदा विस्तार नहीं किया गया, जबकि एजेंसी ने अगस्त 2020 तक काम पूरा होने की जानकारी विभाग को दी. इसी प्रकार मोकामा में आइएंडडी और एसटीपी की गलत जानकारी देने, पहाड़ी एसटीपी के बारे में गलत जानकारी देने और नवगछिया में आइएंडडी और एसटीपी परियोजना में एजेंसी की ओर से देने गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है.

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