भीषण जलजमाव : निगम की सुस्ती, 15 दिनों के नोटिस पर 13 साल बाद भी नहीं करा सका अमल

पटना : भीषण जलजमाव के मौजूदा संकट से बचने को लेकर पटना नगर निगम हर बरसात से पहले युद्ध स्तर पर नालों, मैनहोल व कैचपिटों की सफाई का अभियान चलाता है. हर अभियान से पहले नालों पर जमे अतिक्रमण व सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम को मेन सिस्टम से मिला लेने का नोटिस जारी होता है. ऐसा ही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 5, 2019 8:01 AM
पटना : भीषण जलजमाव के मौजूदा संकट से बचने को लेकर पटना नगर निगम हर बरसात से पहले युद्ध स्तर पर नालों, मैनहोल व कैचपिटों की सफाई का अभियान चलाता है. हर अभियान से पहले नालों पर जमे अतिक्रमण व सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम को मेन सिस्टम से मिला लेने का नोटिस जारी होता है.
ऐसा ही एक नोटिस पटना नगर निगम ने 13 साल पहले वर्ष 2006 में जारी किया था. इसमें अनियमित निर्माण व ड्रेनेज के सिवरेज से मिलान नहीं होने का मामला उठाते हुए आम लोगों से 15 दिनों के भीतर नालों पर किये अतिक्रमण को हटा लेने तथा अपने हाउस कनेक्शन का सीवरेज व ड्रेनेज से मिला लेने की चेतावनी दी गयी थी. चेतावनी में साफ कहा गया कि सफाई के क्रम में सिवरेज या ड्रेनेज पर अतिक्रमण पाया गया तो बिना किसी सूचना के तोड़ कर नाले और ड्रेनेज की सफाई करायी जायेगी.
लेकिन, नोटिस के 13 साल पांच महीने बाद भी नगर निगम अपने इस नोटिस पर अमल नहीं करा पाया है. यह नोटिस सिर्फ एक बानगी है कि निगम किस तरीके से काम करता है. कई बड़े नालों पर आज भी अतिक्रमण कायम है. यही नहीं, इसके बाद भी नालों पर अतिक्रमण किया गया.
मेयर को नहीं पता कितने संप हाउस हैं, जलजमाव का ठीकरा बुडको पर फोड़ा
पटना : मेयर सीता साहु को यह पता नहीं है कि उनके शहर में कुल कितने संप हाउस हैं लेकिन उन्होंने जलजमाव का ठीकरा बुडको पर फोड़ दिया है. नगर निगम की जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए उन्होंने भी जलजमाव को प्राकृतिक आपदा बताया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेयर सीता साहू को पता ही नहीं था कि पटना में जल निकासी के लिए कितने संप हाउस हैं? प्रश्न सुनने के बाद उन्होंने कहा कि 49 संप हाउस हैं.
साथ बैठे पार्षदों ने सही आंकड़ा (39) दिया तो उन्होंने करेक्ट किया. मेयर यह भी नहीं बता पायीं कि कितने संप हाउस चल रहे हैं? राजधानी के भीषण जलजमाव संकट में जूझते हुए आठ दिन गुजरने के बाद मेयर पहली बार मीडिया के सामने आयी थी. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राजधानी में जिस प्रकार का जलजमाव हुआ है, उसकी जिम्मेदारी बुडको की है. नगर निगम इस मामले में किसी प्रकार से जिम्मेदार नहीं है.
नाला उड़ाही का बजट भी नहीं बता सकीं
मेयर ने कहा कि हमने नाला की सफाई करायी थी. संप हाउस के काम नहीं करने के कारण लोगों को परेशानी हुई हालांकि वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाला उड़ाही का सालाना बजट भी नहीं बता पायीं. मेयर ने सीधे तौर पर इस जलजमाव व राजधानीवासियों को हुई भारी परेशानी के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया और नगर निगम को क्लीन चिट दे दी.
मेयर से जब सवाल किया गया कि आप आठ दिनों बाद दिख रही हैं. इस पर उन्होंने कहा कि हम फील्ड में थे, लोगों की स्थिति की जानकारी ले रहे थे. जलजमाव वाले क्षेत्रों का भ्रमण कर रहे थे. इस बीच नगर आयुक्त अमित कुमार पांडे का पीसी में इंतजार किया गया, लेकिन वह आये और मीडिया के सवालों से बचते हुए भाग खड़े हुए.

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