बिहार के जूनियर डॉक्टर आज से हड़ताल पर, PMCH – NMCH में मरीजों की बढ़ी परेशानी, क्या हैं मांगें?

पटना : राज्य के नौ मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर सोमवार से हड़ताल पर जा रहे हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ शंकर भारती ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के स्तर पर कई बार वार्ता हुई. लेकिन हर बार केवल आश्वासन दिया जाता है. हमारी आठ सूत्री मांग है. मसलन आइजीआइएमएस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 23, 2019 8:49 AM
पटना : राज्य के नौ मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर सोमवार से हड़ताल पर जा रहे हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ शंकर भारती ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के स्तर पर कई बार वार्ता हुई.
लेकिन हर बार केवल आश्वासन दिया जाता है. हमारी आठ सूत्री मांग है. मसलन आइजीआइएमएस के तर्ज पर पीजी के स्टाइपेंड को 50 हजार, 55 हजार व 60 हजार से बढ़ा कर 80 हजार, 85 हजार व 90 हजार किया जाये. मेडिकल अफसरों की नियुक्ति में इंटर्न को वंचित नहीं किया जाये आदि.
पीएमसीएच, एनएमसीएच में मरीजों को होगी परेशानी
पटना : राज्य के नौ मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने आज सुबह आठ बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. इसकी वजह से शहरे के मेडिकल कॉलेजों पीएमसीएच व एनएमसीएच में इमरजेंसी से लेकर आउटडोर व इंडोर मरीजों के इलाज की सेवाएं भी बाधित रहेंगी. ऐसे में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
इधर, हड़ताल को देखते हुए पीएमसीएच में 50 डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि हड़ताल की को देखते हुए मरीज को कोई परेशानी न हो, इसके लिए हमारी तैयारी पूरी है. इधर एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर रहेंगे. यहां इमरजेंसी सेवा को हड़ताल से बाहर रखा गया है.
इमरजेंसी से लेकर ओपीडी और आइपीडी तक की सेवाएं रहेंगी बाधित
मांगों पर ध्यान नहीं दे रही सरकार
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ शंकर भारती ने बताया कि हमारी मांगें पूरी होने तक यह हड़ताल जारी रहेगी. इसके पहले शनिवार की देर शाम जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने यह फैसला लिया था. डॉ शंकर भारती की अध्यक्षता और डाॅ रविरंजन के संयोजन में आयोजित बैठक में कहा गया था कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. पांच मांगों को पूरी करने में सचिवालय के चक्कर कटवाये जा रहे हैं. वहीं, मेडिकल अफसर की बहाली से इंटर्न को वंचित रखा जा रहा है.
क्या हैं इनकी मांगें?
आइजीआइएमएस की तर्ज पर पीजी स्टूडेंट्स को 80, 85 व 90 हजार स्टाइपेंड दिया जाये व यूजी का स्टाइपेंड 24 हजार किया जाये.
राज्य के मेडिकल कॉलेज से पीजी उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को तीन साल की अनिवार्य सेवा के प्रावधान के तहत सीनियर रेजिडेंट का प्रमाण पत्र दिया जाये.
सीनियर रेजिडेंट की अधिकतम उम्र 37 से बढ़ाकर 45 साल की जाये
एमसीआइ के अनुसार एक साल एसआर करने के बाद सहायक प्राध्यापक के लिए योग्य माना जाये
मेडिकल अफसर की बहाली प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर हो

Next Article

Exit mobile version