गंगा का बढ़ा जल स्तर : कई जगह डूबे घाट और आसपास फैला पानी, बांध पर पहुंचे लोग

गंगा का बढ़ा जल स्तर : खतरे के निशान से दो मीटर तक ऊपर चढ़ा पानी, बढ़ गयी परेशानी पटना : गंगा का पानी शुक्रवार को खतरे के निशान से दो मीटर से अधिक ऊपर चढ़ गया. इसके कारण कई जगह घाट डूब गये और रिवर फ्रंट के ज्यादातर हिस्सों में डेढ़ से दो फीट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 21, 2019 8:30 AM
गंगा का बढ़ा जल स्तर : खतरे के निशान से दो मीटर तक ऊपर चढ़ा पानी, बढ़ गयी परेशानी
पटना : गंगा का पानी शुक्रवार को खतरे के निशान से दो मीटर से अधिक ऊपर चढ़ गया. इसके कारण कई जगह घाट डूब गये और रिवर फ्रंट के ज्यादातर हिस्सों में डेढ़ से दो फीट तक पानी चढ़ गया. आसपास के तटीय क्षेत्र में भी आधे से एक किलोमीटर तक पानी फैल गया, जिससे उस क्षेत्र में रहनेवाले कई लोगों के घरों में भी पानी पहुंच गया. राजापुर पुल में गंगा प्रोटेक्शन वाल के पार बने कई अपार्टमेंट के आस-पास तक पानी आ गया है.
अलंकार मोटर के सर्विस सेंटर के कैंपस के भीतर पानी फैल गया. उसके आसपास के कई अन्य भवनों के परिसर में भी एक से डेढ़ फीट तक पानी फैल गया, जिससे लोगों को परेशानी हुई. गांधीघाट से लेकर दीघा और आगे हाथीदह तक पूरे पटना की यही स्थिति रही और घाटों पर पानी फैलने से उसके आसपास रहने वाले लोगों में अफरातफरी मच गयी. तटीय क्षेत्र में रहनेवाले कई लोग पानी के बढ़ते स्तर को देख कर खुद ही उस क्षेत्र से पीछे हट गये.
भर कर रखा बालू
कई जगह जलस्तर के और चढ़ने और सुरक्षा बांध तक पानी पहुंचने की आशंका को ध्यान में रखकर बालू संग्रह किया जा रहा है और उन्हें बोरों में भर कर भी रखा जा रहा है ताकि सुरक्षा बांध से पानी बाहर निकलने पर रोक लगायी जा सके. स्थानीय लोगों के साथ प्रशासन भी स्थिति पर पैनी निगाह बनाये हुये हैं.
गंगा तट पर घूम कर करें जल स्तर की निगरानी
पटना : शुक्रवार को विभिन्न घाटों पर गंगा नदी के जलस्तर में होने वाली लगातार वृद्धि को देखते हुए पटना के डीएम कुमार रवि ने अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन और सभी एसडीओ को निर्देश दिया कि वे स्थलीय भ्रमण कर स्थिति की निगरानी करें और आवश्यकतानुसार कार्रवाई करें. इसके लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को भी गश्ती में लगाया गया है.
लोजपा (से) की टीम ने किया दौरा
पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (सेक्यूलर) ने मनेर से दीघा कुर्जी मोड़ तक के बाढ़ प्रभावितों को राहत देने की मांग की है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता विष्णु पासवान, प्रदेश महासचिव सह पटना जिला के प्रभारी नन्द किशोर यादव ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का नाव से दौरा किया.
गंगा के घाटों पर बढ़े जल स्तर का हाल
स्थान डेंजर अधिकतम 24घंटे में
लाइन जलस्तर हुई वृद्धि*
दीघा 50.45 52.52 0.09
गांधी घाट 48.60 50.52 0.09
हाथीदह 41.76 43.17 0.10
*गुरुवार दोपहर 2 बजे से शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बीच पानी के स्तर में अंतर
बिंद टोली में घरों में घुसा पानी, बांध पर पहुंचे लोग
पटना : पिछले तीन दिनों से गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से बिंद टोली में गुरुवार को लोगों के घरों में पानी घुस गया. इसके कारण लोग दिन भर अपने सामान को ढो कर बांध पर पहुंचाने में लगे रहे. खासकर महिलाएं टोकरी में सूटकेस, कपड़ा और अन्य सामान लेकर बांध पर जाती दिखी. वहां कई लोग अपने सामानों को रखने के लिए बांस और फट्टी से मचान बनाते भी दिखे. कई अपने गोद में और कंधों पर छोटे बच्चों को टांगे हुए थे. कई लोग थर्मोकोल के पट्टी को बांधकर उसपर बैठकर और सामान रखकर भी एक जगह से दूसरे जगह आते जाते दिखे.
शाम छह से सुबह सात बजे तक नाव भी रहती है बंद : गंगा का जल स्तर बढ़ने
से बिंद टोली पिछले तीन दिनों से आसपास के इलाकों से पूरी तरह कट गया है. जिला प्रशासन की ओर से वहां के लोगों की सुविधा के लिए दो नाव दी गयी है. उन्हीं नावों पर चढ़ करवहां के बच्चे और बच्चियां गंगा पार तट पर स्थित स्कूल में पढ़ने जाते हैं.अन्य जरूरी कामों के लिए भी बिंद टोली के लोगों के लिए नाव एकमात्र सहारा है. लेकिन शाम छह बजे ही नाव चालकों के चले जाने से यह सुविधा भी बंद हो जाती है और अगली सुबह सात बचे नाविकों के दोबारा आने तक यहां के निवासी पूरी तरह भगवान भरोसे रहते हैं.
लोगों की पीड़ा
पानी बढ़ने से घर में भी घुटना तक पानी घुस गया है. कई दिनों तक अब ये निकलेगा नहीं. सामान निकाल कर बाहर नहीं ले जायेंगे तो खराब हो जायेगा.
दरोगा महतो
हर साल
हमें यह सब झेलने की आदत सी हो गयी है. परेशानी होती है लेकिन यदि सामान बनायेंगे नहीं तो होटल में बेचेंगे क्या और जीवन कैसे चलेगा.
मुन्ना शाह
सुबह से समान ढोते ढोते परेशान हैं. पानी ज्यादा होने से आने जाने में परेशानी होती है और गड्डा या उबड्खाबड़ में पैर पड़ने पर गिरने का भी डर रहता है.
राम सखिया देवी
पानी बढ़ने से हमें अब पता नहीं कितने दिन बेघर की तरह रहना पड़ेगा. हर साल हमें यह सब झेलना पड़ता है. इसका स्थायी निदान निकालना चाहिए.
शिव कुमार

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