पटना : जिसके हाथ में हुनर होगा, वह कभी भूखा नहीं रह सकता : सुशील मोदी

विश्वकर्मा श्रम दिवस पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जिसके हाथ में हुनर होगा, उसका परिवार कभी भूखा नहीं रहेगा. अब समय बदल गया है. मालिक और मजदूरों के बीच में दूरियां घटी हैं. देश में हड़ताल कम हो रहे हैं. अब डिग्री नहीं, हुनर की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 17, 2019 7:20 AM
विश्वकर्मा श्रम दिवस पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जिसके हाथ में हुनर होगा, उसका परिवार कभी भूखा नहीं रहेगा. अब समय बदल गया है. मालिक और मजदूरों के बीच में दूरियां घटी हैं. देश में हड़ताल कम हो रहे हैं.
अब डिग्री नहीं, हुनर की जरूरत है. जिनके पास जितना हुनर होगा, वह देश-विदेश कहीं भी जाकर कमा लेगा. श्रम विभाग की ओर से अधिवेशन भवन में आयोजित विश्वकर्मा श्रम दिवस का उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विदेश नौकरी के लिए जाने वाले लोगों को प्रशिक्षण के लिए पहले दिल्ली व मुंबई जाते थे, लेकिन अब पटना, गया, दरभंगा व मुजफ्फरपुर में प्रशिक्षण केंद्र खोले गये हैं. जिसका शुभारंभ भी कार्यक्रम के दौरान ही किया गया. मंगलवार से यहां विदेश जाने वालों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
माेदी ने श्रम मंत्री से कहा कि सीवान और गोपालगंज से भी अधिक लोग बाहर काम के लिए जाते है. इसलिए वहां भी प्रशिक्षण केंद्र खोला जाये. केंद्र और राज्य ने श्रम कानूनों में बदलाव किया है, ताकि संगठित व असंगठित मजदूरों को फायदा मिल सके. श्रम विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ संगठित व असंगठित मजदूरों तक पहुंचे, इसके लिए पदाधिकारी हर वक्त तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि एक लाख 19 हजार 870 मजदूरों के एकाउंट में ऑनलाइन 71 करोड़ 92 लाख 20 हजार रुपये भेजे गये हैं. कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव सुधीर कुमार, धर्मेंद्र कुमार सिंह सहित विदेश मंत्रालय के पदाधिकारी भी मौजूद थे.
बिहार में खुलेगा विदेश भवन : बिहार में भी विदेश भवन खुलना है. इसको लेकर तैयारी पूरी हो गयी है.
केंद्रीय टीम ने यहां राज्य सरकार के स्तर पर प्रक्रिया पूरी कर ली है. यह सेंटर बिहार-झारखंड के श्रमिकों के लिए काम करेगा.
श्रम मंत्री ने कहा- विभाग सहयोग के लिए हमेशा तैयार
खाड़ी देशों में नौकरी के लिए जाने वालों की संख्या में कमी
श्रम मंत्री ने कहा िक खाड़ी देशों में जाने वालों की संख्या में कमी आयी है. 2017 में 81 हजार 426, 2018 में 59 हजार 660 और 2019 में 25 हजार 160 लोग गये हैं. 10 से अधिक लोग जहां भी काम करेंगे उसका इएसआइसी में निबंधन और उन सभी को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य किया गया है.
श्रम विभाग के पदाधिकारियों को श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना का प्रचार-प्रसार तेज करने को भी कहा है. उन्होंने कहा कि फैक्टरी निबंधन पहले पांच वर्षों के लिए होता था. उसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है. विभाग संगठित और असंगठित दोनों मजदूरों को बराबर सहयोग करेगा.

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