पटना : कंपनियों के नये रजिस्ट्रेशन पर बनाये रखें नजर : सुशील मोदी

वाणिज्य कर की समीक्षा बैठक में दिये निर्देश राज्य में जीएसटी के तहत निबंधित कंपनियों में 25 फीसदी ने ही दायरकिया रिटर्न पटना : उपमुख्यमंत्री सह वाणिज्य कर मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य में नये निबंधित होने वाली सभी कंपनियों पर खासतौर से नजर रखने की जरूरत है. जो नयी कंपनी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 27, 2019 8:46 AM
वाणिज्य कर की समीक्षा बैठक में दिये निर्देश
राज्य में जीएसटी के तहत निबंधित कंपनियों में 25 फीसदी ने ही दायरकिया रिटर्न
पटना : उपमुख्यमंत्री सह वाणिज्य कर मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य में नये निबंधित होने वाली सभी कंपनियों पर खासतौर से नजर रखने की जरूरत है.
जो नयी कंपनी निबंधन कराती हैं, तो उनकी ठीक तरीके से पड़ताल की जाये. सभी कंपनियों की जांच ठीक से करने की जरूरत है. हाल में बड़ी संख्या में फर्जी रजिस्ट्रेशन के आधार पर टैक्स में हेराफेरी करने के कई मामले सामने आ चुके हैं. सोमवार को मुख्य सचिवालय स्थित डिप्टी सीएम के कार्यालय में आयोजित वाणिज्य कर की समीक्षा बैठक में जीएसटी रिटर्न, कर संग्रह की वर्तमान स्थिति समेत अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी.
इस दौरान यह बात सामने आयी कि अभी तक 25 फीसदी रिटर्न ही व्यापारियों ने दायर किया है. इसे बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए व्यापारियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. साथ ही इसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने की भी आवश्यकता है. ताकि व्यापारी बड़ी संख्या में जागरूक होकर निर्धारित समयसीमा 31 अगस्त तक रिटर्न दायर कर दें. निर्धारित तारीख 31 अगस्त के बाद रिटर्न दायर करने वाले व्यापारियों को 200 रुपये प्रति दिन के हिसाब से फाइन देना पड़ेगा. टैक्स संग्रह की अब तक की स्थिति संतोषजनक पायी गयी.
व्यापारियों के रिटर्न दायर करने की समयसीमा समाप्त होने के बाद इसका सही आकलन हो सकेगा.
व्यापारियों को 31 अगस्त तक हर हाल में रिटर्न दायर करने के लिए हर तरह से प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसमें आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए हर तरह से विभागीय स्तर पर सहायता देने की बात कही गयी. इस दौरान विभागीय आयुक्त प्रतिमा एस वर्मा समेत अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे.
डॉ आंबेडकर ने जम्मू में 370 लगाने का किया था विरोध
पटना. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि डॉ.अंबेडकर ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लगाने का विरोध किया था.
इस धारा के चलते उस सीमावर्ती राज्य में न मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हो पायी, न दलितों-पिछड़ों को रिजर्वेशन का लाभ मिल पाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कश्मीर का कलंक बनी एक अस्थायी धारा को समाप्त कर रिजर्वेशन का रास्ता साफ कर दिया, तब रिजर्वेशन के मसीहा बनने वाले लालू प्रसाद की पार्टी सरकार के फैसले का विरोध क्यों कर रही है.
उन्होंने कहा कि मायावती ने धारा 370 हटने के साहसिक फैसले का न सिर्फ दोबारा समर्थन किया. बल्कि जम्मू-कश्मीर सरकार की अनुमति के बिना राहुल गांधी समेत 11 नेताओं के श्रीनगर जाने का विरोध करते हुए साफ कहा कि ऐसा करने से पहले कांग्रेस को इस मुद्दे पर और विचार करना चाहिए था.

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