पटना : एडीजी के फर्जी कॉल का एसपी और आइजी हो रहे हैं शिकार, जानिए क्या है स्पूफ कॉलिंग ?

स्पूफ कॉलिंग पर मुख्यालय ने जारी किया अलर्ट सनहा दर्ज कराने के साथ ही साइबर सेल को जांच करने के भी निर्देश पटना : पुलिस मुख्यालय के एडीजी के फर्जी काल का कई जिलों के एसपी औ आइजी शिकार हो रहे हैं. दरअसल, फाइल देख रहे मगध रेंज के पुलिस अधीक्षक अपने मोबाइल पर एक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 19, 2019 7:48 AM

स्पूफ कॉलिंग पर मुख्यालय ने जारी किया अलर्ट

सनहा दर्ज कराने के साथ ही साइबर सेल को जांच करने के भी निर्देश

पटना : पुलिस मुख्यालय के एडीजी के फर्जी काल का कई जिलों के एसपी औ आइजी शिकार हो रहे हैं. दरअसल, फाइल देख रहे मगध रेंज के पुलिस अधीक्षक अपने मोबाइल पर एक एडीजी का नंबर देखकर चौंक जाते हैं.

फोन उठाते ही एसपी को एक थानेदार का ‘ तबादला ‘ करने का निर्देश मिलता है. एसपी जी सर कहकर जय हिंद भी पूरा नहीं कह पाते उससे पहले फोन कट जाता है. एक सब इंस्पेक्टर के लिये पुलिस मुख्यालय से मिले इस निर्देश के पालन के लिये एसपी चंद घंटों मे ही तबादला आदेश जारी कर देते हैं.

एसपी को कई दिनों बाद पता चलता है कि एडीजी के नंबर से जो फोन आया था वह स्पूफ कॉल था. इसके शिकार वह अकेले नहीं हुए थे. स्पूफ कॉलिंग करने वाला व्यक्ति अपनी पहचान और मोबाइल नंबर को छिपाकर पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का नंबर उपयोग कर आपराधिक मामलों तक में कई पुलिस अफसरों से ‘सिफारिशी’ आदेश जारी करा चुका था.

सनहा दर्ज कराने के आदेश : पुलिस के वरीय पदाधिकारियों के मोबाइल फोन नंबर का प्रयोग करते हुए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के द्वारा अन्य पुलिस पदाधिकारियों को स्पूफ कॉलिंग की घटनाओं में वृद्धि को लेकर पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी पुलिस पदाधिकारियों को अलर्ट कर दिया है.

एडीजी मुख्यालय ने सभी एसपी- एसएसपी, डीआइजी, आइजी को निर्देश दिये हैं कि यदि उनके मोबाइल पर सीनियर अधिकारी का कॉल गया है तो वह कॉलबैक कर संतुष्ट हो लें कि सही में कॉल किया गया है कि नहीं. ऐसे मामले में सनहा दर्ज कराने के साथ ही साइबर सेल को मामले में जांच करने के भी निर्देश हैं.

क्या है स्पूफ कॉलिंग ?

स्पूफ कॉलर जब किसी को फोन लगायेगा तो उस व्यक्ति के फोन पर अपलोड किया नाम और फोन नंबर दिखेगा. जिस व्यक्ति को फोन किया गया है वह पूरे समय असमंजस में रहेगा.

जब वह उक्त नंबर को डॉयल करेगा तो वास्तविक यूजर को फोन लगेगा. स्पूफ कॉलर प्ले स्टोर से स्पूफ कॉल संबंधित एप डाउनलोड कर वास्तविक नाम और मोबाइल नंबर छिपाकर पुलिस प्रशासनिक अधिकारी का नाम और सीयूजी नंबर अपलोड कर लेते हैं. एप में आवाज बदलने के साथ ही कई तरह के फीचर भी होते हैं, इससे आवाज की पहचान करना भी मुश्किल होता है.

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