पटना : सात दिन पहले सूखा, अब बाढ़ की आहट

पटना : राज्य में सात दिन पहले बारिश नहीं होने से लोग सूखे की आशंका से परेशान थे. वहीं, अब बारिश शुरू होने के बाद बागमती, कमला बलान व महानंदा नदी उफान पर हैं. गंगा व कोसी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में बाढ़ की आहट से प्रदेश के कई इलाकों के लोगों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 12, 2019 6:38 AM
पटना : राज्य में सात दिन पहले बारिश नहीं होने से लोग सूखे की आशंका से परेशान थे. वहीं, अब बारिश शुरू होने के बाद बागमती, कमला बलान व महानंदा नदी उफान पर हैं. गंगा व कोसी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
ऐसे में बाढ़ की आहट से प्रदेश के कई इलाकों के लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. सात दिन पहले तक धान का बिचड़ा डालने व रोपनी का काम बाधित हो रहा था. इसे लेकर सरकार के स्तर पर मैराथन बैठकों का दौर जारी था. वहीं, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर शनिवार को सरकार ने विस के सेंट्रल हॉल में विधानमंडल सदस्यों की बैठक का आयोजन किया है. साथ ही 27 जुलाई को भी मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक करने वाले हैं. अब स्थिति बदलती नजर आ रही है.
विभाग ने की बाढ़ से बचाव की तैयारी : जल संसाधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बाढ़ की समस्या के निदान को राज्य में 3790 किमी तटबंध व नेपाल भाग में 68 किलोमीटर तटबंध बनाये हैं.
नेपाल में कोसी, कमला व बागमती नदियों पर जलाशय बनवाये गये हैं जिससे कि नदियों से आने वाली गाद को रोका जा सके. साथ ही बाढ़ में इन नदियों से नियंत्रित पानी आ सके. बाढ़ 2018 के दौरान संवेदनशील स्थलों को पहचान कर कुल 208 बाढ़ सुरक्षात्मक योजनाओं की स्वीकृति जल संसाधन विभाग ने दी थी, इसमें से 202 योजनाएं पूरी हो गयी हैं. अन्य छह का काम अगले साल होगा. बाढ़ से बचाव को आधुनिक तकनीक के उपयोग के तहत 72 घंटे पहले पूर्वानुमान की व्यवस्था है.
अलर्ट पर हैं अधिकारी व इंजीनियर : जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बारिश के कारण नदियों में पानी आया है. खासकर नेपाल में बारिश से कई नदियों में ज्यादा पानी आ रहा है. बाढ़ से बचाव की सारी तैयारी की जा चुकी है. विभाग के सभी इंजीनियर और अधिकारी अलर्ट पर हैं.

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