पटना : सरकारी योजनाओं के लाभुकों को पोस्ट पेमेंट बैंक से भी होगा भुगतान

सुबोध कुमार नंदन पोस्ट पेमेंट बैंक में खोले गये खातों को वित्त विभाग ने मान्यता दे दी है पटना : ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधा के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए आम आदमी का खाता अन्य बैंकों के साथ-साथ इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आइपीपीबी) में खोला जायेगा. सरकारी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 3, 2019 6:57 AM
सुबोध कुमार नंदन
पोस्ट पेमेंट बैंक में खोले गये खातों को वित्त विभाग ने मान्यता दे दी है
पटना : ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधा के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए आम आदमी का खाता अन्य बैंकों के साथ-साथ इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आइपीपीबी) में खोला जायेगा. सरकारी राशि के भुगतान के लिए पोस्ट पेमेंट बैंक में खाेले गये खातों को वित्त विभाग ने मान्यता दे दी है. आइपीपीबी के जरिये अन्य बैंकों की तरह एनइएफटी के माध्यम तथा आधार आधारित पेमेंट सिस्टम से भुगतान करने की सुविधा है.
इससे संबंधित आदेश वित्त विभाग के संयुक्त आयुक्त (लेखा) डॉ कामेश्वर ओझा ने सभी प्रधान सचिव, विभागाध्यक्ष, निदेशक, प्रमंडलीय आयुक्त, उप विकास आयुक्त, जिला पदाधिकारी तथा कार्यालय प्रधान, निकासी और व्ययन अधिकारियों को दिया है. 27 जून को जारी आदेश में कहा गया है कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में सरकारी राशि प्राप्त करने वाले लाभुकों के खाते में भुगतान करने की व्यवस्था करें.
खोले जा चुके हैं 7000 आउटलेट
विभाग के अनुसार बिहार में लगभग 8442 ग्राम पंचायत तथा 45103 गांव हैं. हर जिले में आइपीपीबी का एक कार्यालय है. सूबे के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक 9 हजार आइपीपीबी का बैंकिंग आउटलेट खोला जाना है.
सूबेे में विभिन्न सरकारी बैंकों की 3558 शाखाएं हैं, जबकि आइपीपीबी के 7 हजार आउटलेट खोले जा चुके हैं. बैंकिंग पहुंच के इस बड़े ग्रामीण नेटवर्क का उपयोग सुदूर क्षेत्रों में स्थित आम आदमी को सरकारी योजनाओं का लाभ, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण द्वारा सुविधाजनक तरीके से दिया जा सकता है. डीबीटी योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के लाभुकों को बैंक में खाता होना अनिवार्य है.
इससे सही लाभार्थियों को ही भुगतान सुनिश्चित किया जा सकता है. नयी व्यवस्था में आइपीपीबी में भी खाता खोलने तथा उसमें सरकारी राशि का भुगतान करने से आम लाभुकों को गांव में ही एनइएफटी व आरटीजीएस से डाक विभाग का बैंक भी विकल्प के रूप में उपलब्ध होगा.

Next Article

Exit mobile version