एनएमसीएच : भर्ती बच्चों का हाल जानने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, चमकी बुखार पीड़ितों के लिए बनेगा दस बेडों का आइसीयू

पटना सिटी : दस बेडों का आइसीयू वार्ड बनाइए , जहां चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का बेहतर उपचार हो सके. बीमारी से बचाव के लिए सरकार जागरूकता कार्यक्रम चला रही है. आप सब भी इसमें सहयोग कीजिए. यह निर्देश स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने शनिवार को नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 16, 2019 7:41 AM
पटना सिटी : दस बेडों का आइसीयू वार्ड बनाइए , जहां चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का बेहतर उपचार हो सके. बीमारी से बचाव के लिए सरकार जागरूकता कार्यक्रम चला रही है. आप सब भी इसमें सहयोग कीजिए.
यह निर्देश स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने शनिवार को नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में अस्पताल अधीक्षक व विभागाध्यक्ष को दिया. मंत्री शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी में चमकी बुखार से पीड़ित चार मरीजों के परिजनों से हो रहे उपचार व मिल रही सुविधाओं की जानकारी ले रहे थे. मंत्री ने कहा कि दस बेडों की पंद्रह से बीस दिनों के लिए व्यवस्था कराइए. यह काम रविवार से होना चाहिए. मंत्री ने कहा कि हर बच्चे की जिंदगी अनमोल है.
सरकार बीमारी की रोकथाम व जन जागरूकता के लिए अपने स्तर से कार्य कर रही है. मंत्री ने निरीक्षण के उपरांत पत्रकारों से औपचारिक बातचीत में कहा कि वर्ष 1993-94 में ऐसी बीमारी प्रकाश में आयी. इसके बाद बीमारी पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च हुए, लेकिन रिसर्च का निष्कर्ष एक बिंदु पर नहीं पहुंचा. अनुसंधानकर्ताओं की टीम में कुछ इसे हाइपो ग्लाइसिनिया, कुछ लीची व कुछ गर्मी बीमारी की वजह मान रहे हैं. अभी बीमारी पर अगमकुआं स्थित आरएमआरआइ के आधुनिक लैब में रिसर्च चल रहा है. मंत्री ने कहा कि केंद्रीय टीम ने भी मुजफ्फरपुर का दौरा कर जो सलाह बीमारी से बचाव के लिए दी है, उसका अनुपालन सरकार कर रही है.
इन बच्चों का हो रहा है उपचार: अस्पताल के शिशु रोग विभाग में चार बच्चों का उपचार चल रहा है. इनमें वैशाली के आठ वर्षीय मो सोहेब, वैशाली राघोपुर दरियापुर के छह माह के नीतीश, कच्ची दरगाह के छह माह के रंजन व मुजफ्फरपुर के सात वर्ष का करण शामिल हैं.
विभाग के चिकित्सकों की मानें तो इसमें चमकी बुखार के लक्षण पाये गये थे. ब्लड की जांच का सैंपल भी अगमकुआं स्थित आरएमआरआइ संस्थान में भेजा गया था. जहां पर रिपोर्ट पॉजेटिव मिली है. विभागाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह का कहना था कि बीमारी से पीड़ित एक दर्जन से अधिक बच्चों का उपचार किया गया है. इसमें कुछ को वार्ड में भेजा जा रहा है.
सरकार कर रही मुआवजे पर विचार
मंत्री ने कहा कि इस बीमारी पीड़ित बच्चों के निशुल्क इलाज व दवा उपलब्ध कराने के साथ-साथ बच्चे के परिजनों को भोजन भी मुहैया कराया जा रहा है. जिन बच्चों की मौत इस बीमारी से हुई है. उसके मुआवजे पर भी सरकार विचार कर रही है. सरकार बीमारी पर निगरानी कर रही है. इसकी मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद कर रहे हैं.
जागरूकता की वजह से बीते वर्ष बीमारी में कमी आयी थी. इस वर्ष जून माह में यह बीमारी फिर बढ़ी है. एम्स के डॉक्टर भी मुजफ्फरपुर के एसकेसीएमएच में गये हैं. बीमारी के लक्षण मिलने पर मरीज को अस्पताल लेकर आने की सलाह भी मंत्री ने दी. मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में एनएमसीएच 2500 बेडों का अस्पताल होगा. निरीक्षण में अस्पताल अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर व विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार सिंह के साथ विभाग के चिकित्सक उपस्थित थे.

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