कैबिनेट में घटक दलों का आनुपातिक प्रतिनिधित्व होना चाहिए : नीतीश, कहा- भविष्य में कैबिनेट में शामिल हाेने का प्रश्न नहीं

पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी के शपथ ग्रहण समाराेह में शामिल हाेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दिल्ली से पटना पहुंचे. पटना एयरपाेर्ट पर पत्रकाराें से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए की बैठक के बाद संसदीय दल की बैठक हुई थी, जिसमें नरेंद्र माेदी काे नेता चुना गया. उसके बाद राष्ट्रपति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 31, 2019 1:13 PM

पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी के शपथ ग्रहण समाराेह में शामिल हाेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दिल्ली से पटना पहुंचे. पटना एयरपाेर्ट पर पत्रकाराें से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए की बैठक के बाद संसदीय दल की बैठक हुई थी, जिसमें नरेंद्र माेदी काे नेता चुना गया. उसके बाद राष्ट्रपति भवन जाकर हमलोगाें ने समर्थन पत्र सौंपा. उन्हाेंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बुलावे पर 29 मई काे हम दिल्ली गये थे. उसी समय यह बात कही गयी थी कि एनडीए के जिन घटक दलों के सांसद निर्वाचित हुए हैं, वैसे सभी दलों को मंत्रिपरिषद में सांकेतिक रूप से एक-एक सीट पर प्रतिनिधित्व देना चाहते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी की लोकसभा में 16 जबकि राज्यसभा में 6 सीटें हैं, जाे सभी बिहार से हैं. उन्हाेंने कहा कि मंत्रिपरिषद में शामिल हाेने के लिए हमने कभी काेई प्रपाेजल नहीं दिया. मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल हाेने के मसले पर हमारी पार्टी की काेर टीम में शामिल नेताआें ने कहा कि इसकी काेई आवश्यकता नहीं है.

उन्हाेंने कहा कि मंत्रिपरिषद में शामिल हाेना ही साथ हाेने का प्रमाण नहीं है. हमलोग पूरे तौर पर एनडीए के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के हित काे ध्यान में रखते हुए हमलोगाें ने गठबंधन किया था, ताकि बिहार का पिछड़ापन समाप्त हाे सके. इसलिए मंत्रिपरिषद में हमारी पार्टी की भागीदारी नहीं हाेने से हमे काेई चिंता, परेशानी या अफसाेस नहीं है. उन्हाेंने कहा कि कैबिनेट में घटक दलों का आनुपातिक रूप से प्रतिनिधित्व हाेना चाहिए. हालांकि, बीजेपी काे स्वयं पूर्ण बहुमत मिला है, इसलिए वे निर्णय लेने के हकदार हैं. मंत्रिपरिषद में प्राेपाेर्शनल या सांकेतिक रूप से घटक दलों की भागीदारी हाे, इसका निर्णय बीजेपी काे करना था. बिहार में जाे चुनावी कैंपेन किये गये, उसमें सबलाेगाें ने एक-दूसरे का साथ दिया. उन्हाेंने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट में सांकेतिक रूप से भागीदारी काे लेकर हमलाेगाें की काेई इच्छा नहीं है.

केंद्रीय कैबिनेट में सामाजिक समीकरण के सवाल पर मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार करते हुए कहा कि यह उनका अंदरूनी मसला है. उन्हाेंने कहा कि भाजपा की हारी हुई आठ संसदीय सीटाें पर जेडीयू ने जीत हासिल की है. किशनगंज के परिणाम की किसी को उम्मीद नहीं थी. उन्हाेंने कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाेने के नाते मैं यह कहना चाहता हूं कि भविष्य में केंद्रीय कैबिनेट में जेडीयू के शामिल हाेने का काेई प्रश्न नहीं है. उन्हाेंने कहा कि एलायंस में प्रारंभ में जाे बातें हाेती हैं, वही आखिरी हाेती है.

कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के सवाल पर उन्हाेंने कहा कि यह सरकार काे तय करना है कि आगे वे किस प्रकार से काम करना चाहेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि गठबंधन चाहे किसी से भी हाे, हमलाेग बिहार में गठबंधन के घटक दलों काे आनुपातिक ढंग से मंत्रिपरिषद में शामिल करते हैं. मंत्री पद काे लेकर बिहार में किसका क्या काेटा हाेगा, वह पहले से ही तय है. उन्हाेंने कहा कि अटल जी के सरकार में भी यही व्यवस्था लागू थी, लेकिन उस समय भाजपा काे पूर्ण बहुमत नहीं था. अभी की बात अलग है, क्याेंकि बीजेपी खुद पूर्ण बहुमत में है. उन्हाेंने कहा कि हमारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में मंत्रिपरिषद में सांकेतिक रूप से भागीदारी काे लेकर किसी की काेई रूचि नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी काे इस बात काे लेकर भ्रम नहीं हाेना चाहिए कि सरकार में शामिल हाेना ही साथ रहने का प्रमाण है. उन्हाेंने कहा कि पहले से ही हम यह कहते रहे हैं कि पिछड़े राज्याें काे पिछड़ेपन से दूर निकालने एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में विशेष पहल करने की आवश्यकता है. अनुच्छेद-370, बिहार काे विशेष राज्य का दर्जा जैसे मसले पर हमलोगाें की राय पब्लिक डाेमेन में है. मुख्यमंत्री ने 2020 में हाेनेवाले बिहार विधानसभा चुनाव में नवगठित मंत्रिपरिषद के सामाजिक समीकरण के प्रभाव से इनकार करते हुए कहा कि इसका काेई असर नहीं हाेगा.

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