मसौढ़ी : उसी को देंगे वोट, जो इलाके के विकास पर देगा ध्यान

मसौढ़ी : पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र इस बार चर्चा में है, कारण दोनों मुख्य गठबंधन से मैदान में जोर अजमा रहे उम्मीदवारों के कद को लेकर. यहां से जहां दो बार से सांसद रहे शत्रुघ्न सिन्हा का भाजपा से मोहभंग होने के बाद कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है, वहीं भाजपा अपने राज्यसभा सांसद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 18, 2019 9:24 AM
मसौढ़ी : पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र इस बार चर्चा में है, कारण दोनों मुख्य गठबंधन से मैदान में जोर अजमा रहे उम्मीदवारों के कद को लेकर. यहां से जहां दो बार से सांसद रहे शत्रुघ्न सिन्हा का भाजपा से मोहभंग होने के बाद कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है, वहीं भाजपा अपने राज्यसभा सांसद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा है. दो कद्दावर नेताओं के मैदान में आने से क्षेत्र के लोगों के बीच चर्चाएं भी छिड़ गयी हैं.
लोकसभा क्षेत्र के फतुहा विधानसभा अंतर्गत आने वाला गौरीचक व उसके आसपास के क्षेत्रों में लोगों से बात करने का मौका मिला. बुधवार की दोपहर गौरीचक थाना का पास धार्मिक स्थल के बगल में पेड़ के नीचे बैठे कुछ लोग चुनावी चर्चा में व्यस्त थे, इसी बीच प्रभात खबर की टीम वहां पहुंची. उनका कहना था कि हमारी बातों को अब आपके माध्यम से इस क्षेत्र से चुनावी जंग में किस्मत अजमा रहे उम्मीदवारों के बीच पहुंचाया जा सकता है. लोगों ने कहा कि हम ऐसा प्रतिनिधि चुनना पसंद करेंगे जो हमलोगों के दुख- दर्द में साथ हो, क्षेत्र का सर्वांगीण विकास कैसे हो इस पर फोकस रखे. हम अपना मत उसी उम्मीदवार को देंगे.
गौरीचक की सबसे बड़ी समस्या जलनिकासी की है. बाजार के आसपास नयी आबादी बस गयी है. यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, बरसात तो छोड़ दीजिए आये दिन बाजार समेत आसपास जलजमाव की स्थिति बनी रहती है. बाजार से सटे मुहल्ले में बने मकान के लोगों को एक रास्ता भी नसीब नहीं है. इस बार जो उम्मीदवार भरोसा दिला देगा की क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण करेंगे. हम अपना मत उसी को देंगे चाहे वह किसी भी दल का प्रत्याशी हो.
रंजीत कुमार गुप्ता, गौरीचक
गौरीचक के साथ हमेशा भेदभाव बरता गया.
पूर्व में गौरीचक में बन रहा प्रखंड कार्यालय कुछ जनप्रतिनिधि की वजह से यहां से हटकर संपतचक में बन गया. राजधानी से मात्र दस किलोमीटर पर स्थित गौरीचक को न तो शहर का दर्जा प्राप्त है और न ही ग्रामीण क्षेत्र का. विकास के मायने में यहां बिजली व बाजार के बीचो बीच गुजर रहे एसएच को छोड़ दें तो कुछ नहीं है. हमेशा नेताओं द्वारा हम ठगे जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने देंगे.
लोहा सिंह, गौरीचक
सिंचाई, पेयजल की उपलब्धता, बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधा आज भी यहां के ग्रामीणों के लिए किसी सपने से कम नहीं. सूखे खेतों में पड़ने वाली दरार ने लोगों को खेती करने के प्रति सोचने पर विवश कर दिया है. यह सब क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जिसे हम जीता कर भेजते हैं उनके उदासीन होने की वजह से है. नहीं तो पास के दूसरे क्षेत्रों से तुलना करने पर पता चलता है कि विकास के मामले में हम कहां हैं. हम अपना मत क्यों न वैसे प्रत्याशी को दें जो कम से कम हमारे बीच रहे.
बखोरी यादव, कमरजी
गौरीचक के विकास के प्रति हमारे जनप्रतिनिधि कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्षों पूर्व बने सामुदायिक भवन पर पुलिस का कब्जा है, जबकि आम अवाम सामुदायिक भवन के आभाव में किसी भी प्रकार का आयोजन अन्यत्र किसी जगह करने को विवश हैं. वहीं, गौरीचक बाजार की स्थिति भी जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गया है. बाजार में आज तक सरकारी स्तर पर कोई भी सुविधा नहीं है. व्यस्तम बाजार होने के बावजूद न तो शौचालय है न पेयजल की व्यवस्था.
लाला राय, बाकरचक
समाज का हर तबका चाहे वह युवा हो, महिला हो, किसान व व्यापारी हो विकास चाहता है. राजधानी से सटा इलाका होने के बावजूद गौरीचक व आसपास का क्षेत्र विकास से महरूम है. मताधिकार का प्रयोग आवश्यक करुंगा. जो हमलोगों की समस्याओं का निदान करने का भरोसा दिला देगा उसी को हम सभी अपना मत देंगे.
जितेन्द्र सिंह, सदहपुरा

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