कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने की बड़ी घोषणा, मधुबनी सीट से दाखिल करेंगे नामांकन पत्र

पटना : मधुबनी लोकसभा सीट पर महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने इस सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने की घोषणा की है. मधुबनी सीट बंटवारे के तहत विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को मिली है. इससे पहले राजद का टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 15, 2019 4:40 PM

पटना : मधुबनी लोकसभा सीट पर महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने इस सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने की घोषणा की है. मधुबनी सीट बंटवारे के तहत विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को मिली है. इससे पहले राजद का टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद अली अशरफ फातमी मधुबनी लोकसभा सीट से महागठबंधन उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं.

शकील अहमद ने सोमवार को ‘‘भाषा’ को बताया, ‘‘ मैंने पार्टी (कांग्रेस) के चिन्ह के लिये आग्रह किया है. मेरा राहुल जी से संवाद हुआ है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल जी से मेरी कल भी बातचीत हुई है.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आग्रह किया है कि जिस तरह से चतरा में हमारे उम्मीदवार के खिलाफ राजद ने दोस्ताना मुकाबले के रूप में अपना उम्मीदवार खड़ा किया है. उसी तरह से मधुबनी में मुझे पार्टी का चिन्ह (कांग्रेस) देकर दोस्ताना मुकाबले में उतरने की अनुमति दी जाए.’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि दूसरा सुपौल का भी उदाहरण है जहां कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन के खिलाफ राजद ने एक निर्दलीय का समर्थन किया है, उसी तरह से मुझे निर्दलीय के रूप में पार्टी (कांग्रेस) समर्थन दे सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘ या तो चतरा की तरह, या सुपौल की तरह जो उचित हो, पार्टी सहयोग करे. मैं मधुबनी सीट से पार्टी की तरह से नामांकन दाखिल करूंगा और पार्टी के चिन्ह के लिये आग्रह किया है.’

गौरतलब है कि इस बार महागठबंधन के घटक दलों में से एक विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को मधुबनी सीट मिली है. वीआईपी ने बद्री पुर्बे को मधुबनी से अपना उम्मीदवार बनाया है. पूर्वे का मुकाबला भाजपा ने दिग्गज सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव से है. शकील अहमद 1998 और 2004 में में मधुबनी सीट से लोकसभा सदस्य रहे थे. वे 1985, 1990 और 2000 में विधायक चुने गए थे.

शकील ने राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया तथा 2004 में केंद्र में सत्तासीन रहे मनमोहन सिंह की सरकार में संचार, आईटी और गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे थे.

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