पटना : टीडीएस कटने के बाद भी शिक्षकों को आयकर नोटिस

पटना : राज्य के सरकारी माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों का टीडीएस या आयकर कटने के बाद भी उन्हें धारा-156 के तहत टैक्स जमा नहीं करने का नोटिस मिलने लगा है. ऐसे शिक्षकों की संख्या सैकड़ों में है. टैक्स कटने के बाद भी जब इन्हें नोटिस मिला, तो मामले की जांच शुरू हुई और पूरी हकीकत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 5, 2019 8:04 AM

पटना : राज्य के सरकारी माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों का टीडीएस या आयकर कटने के बाद भी उन्हें धारा-156 के तहत टैक्स जमा नहीं करने का नोटिस मिलने लगा है. ऐसे शिक्षकों की संख्या सैकड़ों में है.

टैक्स कटने के बाद भी जब इन्हें नोटिस मिला, तो मामले की जांच शुरू हुई और पूरी हकीकत सामने आयी. जांच में यह पाया गया कि इन शिक्षकों के वेतन से टैक्स की राशि तो काटी गयी है, पर इसे सरकारी खाते में जमा नहीं कराया गया है. ये रुपये कहीं अन्य खातों या किसी निजी खातों में जमा किये गये हैं. आयकर विभाग के खाते में इनके काटे गये रुपये नहीं पहुंचने की वजह से इन्हें नोटिस दिया जा रहा है.

इस मामले को लेकर अब तक 200 से ज्यादा शिक्षकों ने आयकर विभाग को लिखित शिकायत तक की है. शिकायतों के आने का सिलसिला जारी है. यह मामला राज्य के सभी माध्यमिक स्कूलों से जुड़ा हुआ है, लेकिन आयकर विभाग ने फिलहाल पटना जिले से जुड़े मामले की जांच शुरू की है.

शिक्षकों की सैलरी से टैक्स के एवज में ये रुपये सरकारी महकमा या विभाग के संबंधित डीडीओ (निकासी एवं व्यय पदाधिकारी) के स्तर पर ही कटौती की गयी है. फिर भी ये रुपये सरकारी खाते में जमा नहीं कराये गये हैं.

शिक्षकों की दर्ज शिकायत में यह भी कहा गया है कि इस मामले में जब संबंधित डीडीओ और डीइओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) कार्यालय से संपर्क किया, तो कहीं से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है. कोई सरकारी कार्यालय यह बताने में सक्षम नहीं है कि ये रुपये आखिर गये कहां. किस खाते में जमा किये गये हैं, इसकी भी कोई जानकारी नहीं दे रहा है. इस वजह से इस पूरे मामले की जांच आयकर से करने का अनुरोध ये लोग कर रहे हैं. हालांकि, इस मामला की जांच आयकर विभाग ने शुरू भी कर दी है.

आयकर कटने के बाद भी शिक्षकों को सेक्शन- 143 (1) के तहत इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है. टैक्स के नाम पर अच्छी-खासी राशि कटने के बाद भी सरकार के समक्ष उनकी देनदारी बरकरार है.

जांच में यह भी पता चला कि किसी जिले में डीइओ कार्यालय के स्तर पर 40 से 50 स्कूलों को मिलाकर एक डीडीओ बना दिया जाता है, जबकि नियमानुसार एक-दो स्कूलों पर ही एक डीडीओ होना चाहिए. इतनी बड़ी संख्या में स्कूलों का कलस्टर बनाकर एक डीडीओ को बनाने से टैक्स कटौती के नाम पर बड़ी संख्या में एक स्थान पर राशि की कटौती हुई और इसे दूसरे खातों में जमा करा दिया गया.

संबंधित कर्मियों पर होगी सख्त कार्रवाई

इस पूरे मामले की जानकारी आयकर विभाग से ली जायेगी. अगर ऐसा हुआ है, तो राशि को आयकर विभाग के खाते में भी जमा करवाया जायेगा और संबंधित दोषी पदाधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.

-आरके महाजन (अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग)

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