एससी-एसटी छात्रवृत्ति घोटाला : बार-बार बुलाने पर भी नहीं आये आइएएस एसएम राजू, अब होगी सख्ती

पटना : एससी-एसटी छात्रवृत्ति घोटाला उजागर होने के बाद इसमें एससी-एसटी विभाग के तत्कालीन सचिव एसएम राजू का नाम प्रमुखता से सामने आया था. इस मामले की निगरानी और आर्थिक अपराध इकाई के स्तर पर हुई जांच में एसएम राजू दोषी पाये गये थे. नवंबर 2016 में एफआइआर करने के बाद से उन्हें निगरानी के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 11, 2019 7:30 AM
पटना : एससी-एसटी छात्रवृत्ति घोटाला उजागर होने के बाद इसमें एससी-एसटी विभाग के तत्कालीन सचिव एसएम राजू का नाम प्रमुखता से सामने आया था. इस मामले की निगरानी और आर्थिक अपराध इकाई के स्तर पर हुई जांच में एसएम राजू दोषी पाये गये थे. नवंबर 2016 में एफआइआर करने के बाद से उन्हें निगरानी के स्तर से करीब एक दर्जन बार नोटिस जारी कर बुलाया जा चुका है, लेकिन वह एक बार भी हाजिर नहीं हुए.
राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है. हालांकि, इस बीच उन्होंने हाइकोर्ट से अग्रीम जमानत ले रखी है. परंतु विभागीय स्तर पर चल रही जांच में वे एक बार भी उपस्थित नहीं हुए. उनकी इस लापरवाही को देखते हुए राज्य सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है. जल्द ही उन पर विभागीय स्तर पर सख्त कार्रवाई हो सकती है.
10 आइएएस ऐसे, जिन पर चल रही विभागीय कार्यवाही या कोर्ट में चल रहा मामला
इनके अलावा राज्य में करीब 10 आइएएस अधिकारी ऐसे हैं, जिन पर विभागीय कार्यवाही चल रही है. इसमें एक-दो अधिकारियों का मामला कोर्ट में भी चल रहा है.
इसमें रिटायर्ड आइएएस एसएस वर्मा भी शामिल हैं, जो 2007 से चल रहा है. इसके अलावा 2018 में घूसखोरी के आरोप में फंसने वाले आइएएस डॉ जितेंद्र गुप्ता का भी मामला है. वर्तमान में यह मामला दिल्ली हाइकोर्ट में चल रहा है. कोर्ट ने फरवरी 2019 में इनके बंद वेतन को देने का आदेश राज्य सरकार को दिया है.
डॉ गुप्ता कैडर बदलना चाहते हैं, जबकि राज्य सरकार ऐसा नहीं चाहती. इस मामले को लेकर सुनवाई चल रही है. इसके अलावा आय से अधिक संपत्ति मामले में निलंबित चल रहे अधिकारी दीपक आनंद, हेमचंद्र झा, सीके अनिल, सुधीर कुमार समेत अन्य अधिकारी शामिल हैं.
सुधीर कुमार तो एसएससी पेपर लीक मामले में अब तक जेल में ही बंद हैं. आइएएस कंवल तनुज का नाम भी एनटीपीसी प्रोजेक्ट के घूसखोरी मामले में सामने आने पर सीबीआइ उनसे भी कड़ी पूछताछ कर चुकी है. यह मामला सीबीआइ में चल रहा है. ऐसे दर्जनों आइएएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं, लेकिन अधिकतर शिकायतें बेबुनियाद हैं.

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