पटना में आंध्र व बंगाल की मछलियों की खरीद-बिक्री पर लगा प्रतिबंध, हो सकती हैं कई बीमारियां

पटना : स्वास्थ्य विभाग ने पटना नगर निगम क्षेत्र में सभी प्रकार की मछलियों की खरीद-बिक्री और लाने- ले जाने पर सोमवार से पूरी तरह से रोक लगा दी है. आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल व खुद देसी मछलियों में भारी मेटल मिलने के बाद पहले चरण में पटना नगर निगम क्षेत्र में 15 दिनों तक पूरी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 15, 2019 6:44 AM
पटना : स्वास्थ्य विभाग ने पटना नगर निगम क्षेत्र में सभी प्रकार की मछलियों की खरीद-बिक्री और लाने- ले जाने पर सोमवार से पूरी तरह से रोक लगा दी है. आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल व खुद देसी मछलियों में भारी मेटल मिलने के बाद पहले चरण में पटना नगर निगम क्षेत्र में 15 दिनों तक पूरी के लिए रोक लगायी गयी है.
कार्रवाई के लिए मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा, पूर्णिया समेत अन्य शहरों में मछलियों के सैंपल लिये जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव सह खाद्य संरक्षा आयुक्त संजय कुमार ने सोमवार को बताया कि यह प्रतिबंध फिलहाल पटना निगम क्षेत्र में मछलियों के 10 सैंपल की जांच के बाद जनहित में लगाया गया है. कानून के उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
इसमें सात साल की सजा व 10 लाख का जुर्माना निर्धारित है. दूसरे शहरों की रिपोर्ट आने के बाद वहां भी कार्रवाई की जायेगी.
आंध्र और पश्चिम बंगाल जायेगी राज्य सरकार की टीम
प्रधान सचिव ने बताया कि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग से अनुरोध किया जा रहा है कि वह आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल अपनी टीम भेज कर जांच कराये. आखिर वहां की मछलियों के पालन में भारी अयस्क (हेवी मेटल) की मात्रा कैसे आ रही है. कहीं वहां पानी में ही तो हेवी मेटल नहीं है.
सैंपल में फॉर्मलिन
सैंपल में लोकल के साथ आंध्रप्रदेश व पश्चिम बंगाल की मछलियों में फॉर्मलिन व हेवी मेटल की मात्रा पायी गयी है. अब राज्य के सभी प्रमुख शहरों से मछलियों के चार-चार सैंपल लिये जा रहे हैं. सैंपलों की जांच रिपोर्ट आने के बाद वैधानिक कार्रवाई की जायेगी. जिन 10 सैंपलों को जांच के लिए भेजा गया था, उसमें सात में फॉर्मलिन की मात्रा मानक से अधिक पायी गयी है. यह इंसानों की सेहत के लिए जोखिम वाला है.
हो सकती हैं कई बीमारियां
फॉर्मलिन- निमोनिया, ब्रोंकाइटिंस, कैंसर, हेपेटाइटिस
शीशा- मानसिक विकृति, किडनी और स्नायुतंत्र को प्रभावित करता है.
क्रोमियम – किडनी, हड्डी और फेफड़े के कैंसर का खतरा
मरकरी (पारा)- किडनी और मानसिक रोग, फेफड़े की बीमारी और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी

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