पटना : बिजली की दरों पर 28 फरवरी तक निर्णय, एक अप्रैल से प्रभावी

बिजली कंपनियों ने नयी टैरिफ की याचिका विनिमायक आयोग को दी पटना : प्रदेश में बिजली की नयी दरों पर 28 फरवरी तक निर्णय हो जायेगा. हालांकि, यह एक अप्रैल, 2019 से प्रभावी होगा. बिजली कंपनियों ने दर बढ़ाने को लेकर नयी टैरिफ की याचिका बिहार विद्युत विनिमायक आयोग को दी थी. उन याचिकाओं पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 16, 2018 9:01 AM
बिजली कंपनियों ने नयी टैरिफ की याचिका विनिमायक आयोग को दी
पटना : प्रदेश में बिजली की नयी दरों पर 28 फरवरी तक निर्णय हो जायेगा. हालांकि, यह एक अप्रैल, 2019 से प्रभावी होगा. बिजली कंपनियों ने दर बढ़ाने को लेकर नयी टैरिफ की याचिका बिहार विद्युत विनिमायक आयोग को दी थी. उन याचिकाओं पर दर बढ़ाने संबंधी जनसुनवाई की प्रक्रिया जनवरी, 2019 से शुरू होने की संभावना है. पटना में यह जनसुनवाई जनवरी के अंतिम और फरवरी के पहले सप्ताह में हो सकती है.
सूत्रों का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए 28 फरवरी, 2019 तक नयी टैरिफ घोषित करने का निर्णय लिया गया है. इसके बाद मार्च महीने में चुनावी प्रक्रिया शुरू होने और आचार संहिता लगने की संभावना जतायी जा रही हैं. ऐसे में अप्रैल से यदि नयी बिजली दरों को लागू नहीं किया गया, तो इसमें विलंब का खामियाजा बिजली कंपनियों को नुकसान के रूप में उठाना पड़ सकता है.
हर प्रमंडल में जनसुनवाई शिविर : प्रदेश में बिजली दर बढ़ोतरी को लेकर अगले महीने जनवरी, 2019 में आम लोगों की राय लेने को हर प्रमंडल में जनसुनवाई शिविर का आयोजन होगा. इसके साथ ही विज्ञापन निकाल कर आमलोगों से आपत्ति और सुझाव भी मांगे जायेंगे. इन सभी सुझावों और बिजली कंपनियों के प्रस्तावों पर विचार के बाद बिहार विद्युत विनियामक आयोग उचित निर्णय लेगा.
पांच से 10 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव
बिजली कंपनियों ने 30 नवंबर 2018 को बिहार विद्युत विनियामक आयोग को बिजली की दर में पांच से दस फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. आयोग के पास यह याचिका 15 नवंबर 2018 तक देनी थी, लेकिन बिजली कंपनियों के अनुरोध पर समय सीमा बढ़ा दी गयी थी. नये प्रस्ताव में फिक्स चार्ज में भी बढ़ोतरी शामिल है.
क्यों हो रही बढ़ोतरी की मांग
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के हर घर में बिजली पहुंची है. इसके नेटवर्क का विस्तार किया गया है. बिजली की उपलब्धता और इसकी खपत भी बढ़ी है. इस समय प्रतिदिन करीब 4500-5000 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है. अगले साल यह बढ़ कर करीब 6000 मेगावाट प्रतिदिन होने की संभावना है. वित्त वर्ष 2019-20 में बिजली व्यवस्था में अन्य सुधार पर भी खर्च होने की संभावना है. इसलिए कंपनियों ने विभिन्न श्रेणियों में अलग-अलग वृद्धि का प्रस्ताव दिया है.
कौन-सी हैं नयी श्रेणियां
शहरों की तर्ज पर अब गांवों के लिए भी स्ट्रीट लाइट की श्रेणी बनायी गयी है. पंचायतों या किसी और स्रोत से स्ट्रीट लाइट का शुल्क वसूला जायेगा. इसके अलावा नल-जल योजना के तहत गांवों में भी पेयजल के लिए एक नयी श्रेणी बनायी गयी है. वहीं किसानों को अब तक खेती के लिए कनेक्शन में 400 रुपये फिक्सड चार्ज देने पड़ते थे, नये प्रस्ताव में इसे हटा दिया गया है.
इन कंपनियों ने दिया है बढ़ोतरी का प्रस्ताव
बिजली दर में बढ़ोतरी संबंधी प्रस्ताव जिन कंपनियों ने दिया है, उसमें ट्रांसमिशन के लिए बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर शामिल हैं. वहीं उपभोक्ताओं से जुड़ी बिजली दर तय करने के लिए नॉर्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अलग-अलग याचिका दी है.

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