बीहट : जाति-वर्ण से परे हैं हनुमान, अयोध्या में हो राममंदिर का निर्माण : मोरारी बापू

बीहट : रामकथा वाचक मोरारी बापू ने गुरुवार की शाम अपने आवास कैलाश कुटीर में पत्रकारों के साथ संवाद करते हुए कहा कि पवन पुत्र हनुमान समन्वयक, सेतुबंध और संवाद के नायक हैं. जिस तरह वायु की कोई जाति नहीं होती, कोई वर्ण नहीं होता, उसी तरह हनुमान जी भी जाति-वर्ण से परे हैं. वायु […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 7, 2018 7:13 AM
बीहट : रामकथा वाचक मोरारी बापू ने गुरुवार की शाम अपने आवास कैलाश कुटीर में पत्रकारों के साथ संवाद करते हुए कहा कि पवन पुत्र हनुमान समन्वयक, सेतुबंध और संवाद के नायक हैं. जिस तरह वायु की कोई जाति नहीं होती, कोई वर्ण नहीं होता, उसी तरह हनुमान जी भी जाति-वर्ण से परे हैं. वायु सबके प्राण हैं, सबको इसकी जरूरत है फिर ये विवाद कैसा.
उन्होंने चुनावी समय में हनुमान से संबंधित विवादों पर कहा कि ऐसे समय में हनुमान के संबंध में प्रश्न उछालना ठीक नहीं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कथन पर अपना विचार प्रकट करते हुए मोरारी बापू ने कहा कि योगी जी साधु-संत समाज के पूजनीय हैं, लेकिन हनुमान से संबंधित टिप्पणी किस अर्थ में उन्होंने की, यह वह जानें, मुझे नहीं
मालूम. हनुमान के जन्म के रहस्य की बात पूछे जाने पर बापू ने कहा, धर्मक्षेत्र और कुरूक्षेत्र में मुख्य भूमिका निभाने वाले हनुमान जी सर्जक हैं. वे समाज के सेवक और पोषक हैं. सेवा करना बहुत कठिन है. हनुमान अजर-अमर हैं.
राम मंदिर पर बापू ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना ही चाहिए, क्योंकि यह करोड़ों लोगों की आस्था व श्रद्धा का सवाल है. उन्होंने आगे कहा कि मंदिर का निर्माण संवाद से होना चाहिए. सबके धर्म का आदर होना चाहिए. उन्होंने कहा, अखबार अच्छा काम कर रहे हैं, इसके लिए उसको धन्यवाद . सिमरिया धाम की रामकथा क्या और जगहों की रामकथा से अलग है, इस पर बापू ने कहा कि हर कथा अपने आप में मौलिक होती है. सिमरिया की सविता, सरिता और दिनकर की कविता अपने आप में बेमिसाल है.

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