पिछले पांच दिनों से पटना नहीं पहुंच पा रहे हैं एलपीजी से लदे ट्रक, शहर में रसोई गैस की हो सकती है किल्लत

पटना : पटना-आरा रूट पर लगे जाम के कारण एलपीजी सिलिंडर से लदे सैकड़ों ट्रक गीधा प्लांट (आरा) पिछले पांच दिनों से नहीं पहुंच पा रहे हैं. इसके कारण प्लांट का उत्पादन रोजाना लगभग 30 हजार सिलिंडर पर सिमट गया है. बीस हजार कम सिलिंडरों का उत्पादन हो रहा है. अगर हालात में सुधार नहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 25, 2018 3:48 AM
पटना : पटना-आरा रूट पर लगे जाम के कारण एलपीजी सिलिंडर से लदे सैकड़ों ट्रक गीधा प्लांट (आरा) पिछले पांच दिनों से नहीं पहुंच पा रहे हैं. इसके कारण प्लांट का उत्पादन रोजाना लगभग 30 हजार सिलिंडर पर सिमट गया है. बीस हजार कम सिलिंडरों का उत्पादन हो रहा है. अगर हालात में सुधार नहीं हुआ, तो पटना जिले के एलपीजी उपभोक्ताओं को गैस संकट का सामना करना पड़ सकता है. जमा के कारण पटना में चार दिन से एलपीजी सिलिंडर का ट्रक नहीं पहुंच पाया है. इसके कारण बैकलाॅग आठ दिन पर आ गया है. डीलर्स की मानें तो यही स्थिति रही तो सिलिंडर की किल्लत हो जायेगी.
लगातार बढ़ रहा है बैकलॉग
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना-आरा रोड पर पिछले 4-5 दिनों से लंबा जाम लगा हुआ है. इसके कारण एलपीजी का खाली सिलिंडर गीधा प्लांट नहीं पहुंच रहा है. पिछले चार दिनों से 80 से अधिक ट्रक खड़े हैं. इसके अलावा आरा- सीवान रोड पर भी जाम की कमोबेश यही स्थिति है. बिहार एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के महासचिव डॉ राम नरेश सिन्हा ने बताया कि ट्रक पटना नहीं पहुंचने के कारण एलपीजी सिलिंडर का बैकलॉग लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में गीधा से पटना हर दिन लगभग 80 ट्रक पहुंचते हैं. एक ट्रक में लगभग 306 सिलिंडर होते हैं, यानी 24 हजार सिलिंडर रोज आते हैं. सिन्हा ने बताया कि जिला प्रशासन सवारी गाड़ी को निकाल दे रही है, लेकिन आवश्यक वस्तु एलपीजी सिलिंडर से लदे ट्रक को किनारे खड़ा कर दिया गया है.
प्रशासन को लिखा गया है पत्र
जाम के कारण खाली सिलिंडर से लदे ट्रक प्लांट तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. इसके कारण एलपीजी का उत्पादन एक तिहाई रह गया है. सामान्य दिनों में इस प्लांट में हर दिन लगभग 50 हजार सिलिंडर का उत्पादन होता है लेकिन इस वक्त 20 हजार रह गया है. सामान्य दिन में प्रतिदिन यहां से 120 ट्रक निकलते हैं, लेकिन अभी 40 ट्रक निकल रहे हैं. प्रशासन को पत्र लिखा गया है.

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