पटना : खतरनाक घाटों पर मिले सुविधा, नागरिकों ने अधिकारियों को घेरा

पटना सिटी : गंगा घाट पर प्रशासन की ओर से छठ व्रतियों के लिए मुहैया करायी जा रही सुविधा खतरनाक घोषित केशव राय घाट व मिरचाई घाट पर भी मिले, इसके लिए गुरुवार को स्थानीय नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित लोगों ने की सुविधा के लिए नवयुवक विकास सेवा समिति के सदस्यों ने प्रभात […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 9, 2018 9:14 AM
पटना सिटी : गंगा घाट पर प्रशासन की ओर से छठ व्रतियों के लिए मुहैया करायी जा रही सुविधा खतरनाक घोषित केशव राय घाट व मिरचाई घाट पर भी मिले, इसके लिए गुरुवार को स्थानीय नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा.
आक्रोशित लोगों ने की सुविधा के लिए नवयुवक विकास सेवा समिति के सदस्यों ने प्रभात कुमार जायसवाल व राजा राम शर्मा के नेतृत्व में सेक्टर पदाधिकारी निर्मल पदाधिकारी निर्मल कुमार को घेर से घाट पर सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की. हालांकि नागरिकों के विरोध व हंगामा को देख कर मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी राजेश रोशन भी पहुंचे. साथ ही निगम सिटी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार मिश्र को भी बुलाया. मौके पर पहुंचे एसडीओ ने आक्रोशित लोगों को समझाया कि यहां पर स्लोप तीखा व ऊंचा है, ऐसे में व्रतियों के साथ अर्घ करने वालों के पानी में गिरने का खतरा है, लेकिन विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि बोल्डर से बांधे जाने के बाद घाट की यह स्थिति बीते आधा दशक से बनी हुई है. ऐसे में कराये गये बैरेकेडिंग के साथ-साथ चाली बिछाने, बिजली का काम कराने समेत अन्य सुविधा देने की मांग की. इतना ही नहीं विरोध कर रहे लोगों का कहना था कि जब खतरनाक है तो दोनों घाट पर कृत्रिम तालाब का निर्माण कराया जाये. एसडीओ ने बाद में लोगों को समझा बुझा कर शांत कराया.
एसडीओ ने बताया कि घाट की स्लोप पर जल संसाधन विभाग से रिपोर्ट मांगी गयी, जिसके आलोक में जल संसाधन विभाग के अभियंता ने स्लोप काट घाट बनाने की अनुशंसा की है.
ऐसे में छठ से पहले वहां भी सुविधा उपलब्ध करा दिया जायेगा. संवेदक को चेजिंग रूम व बाथरूम बनाने का आदेश दे दिया गया है ताकि व्रतियों की ओर से छठ के लिए इन घाटों का भी उपयोग किया जा सके.
दरअसल खाजेकलां थाना के क्षेत्र के वार्ड संख्या 65 के केशवराय घाट व चौक थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या 66 के मिरचाई घाट की ऊंचाई देख कर खतरनाक घोषित किये कर सुविधा से वंचित प्रशासन की ओर से किया गया. हालांकि इस दम्यार बैरेकेडिंग कराने व वाच टावर का निर्माण घाट पर कराया गया था.

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