पटना : शेल्टर होम मामले में 50 एनजीओ का चयन रद्द, अपने हाथ में लेगी सरकार

तीन माह में सभी शेल्टर होम का संचालन अपने हाथ में लेगी सरकार पटना : राज्य में विभिन्न शेल्टर होम के संचालन के लिए हाल में चुने गये 50 एनजीओ का चयन सोमवार को रद्द कर दिया गया. समाज कल्याण विभाग तीन माह में सभी शेल्टर होम का संचालन अपने हाथ में ले लेगा. इसकी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 21, 2018 7:31 AM
तीन माह में सभी शेल्टर होम का संचालन अपने हाथ में लेगी सरकार
पटना : राज्य में विभिन्न शेल्टर होम के संचालन के लिए हाल में चुने गये 50 एनजीओ का चयन सोमवार को रद्द कर दिया गया. समाज कल्याण विभाग तीन माह में सभी शेल्टर होम का संचालन अपने हाथ में ले लेगा. इसकी तैयारी मंगलवार से शुरू हो रही है. तब तक इन शेल्टर होम का संचालन पुराने एनजीओ के माध्यम से जारी रहेगा.
राज्य में करीब सौ एनजीओ अब भी विभिन्न शेल्टर होम का संचालन कर रहे हैं.यह निर्णय मुजफ्फरपुर बालिका गृह और पटना के आसरा गृह कांड के बाद टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टिस) की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है. विभाग के सूत्रों का कहना है कि शेल्टर होम की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने और आधारभूत संरचना तैयार करने का प्रस्ताव शीघ्र ही कैबिनेट को भेजा जायेगा. मंजूरी के बाद सभी जिलों में इन गृहों के लिए किराये पर नये मकान लिए जायेंगे. सभी शेल्टर होम के संचालन और नयी भर्तियों पर करीब 50 करोड़ अतिरिक्त सालाना खर्च होंगे. अब तक शेल्टर गृहों के संचालन पर सरकार लगभग 48 करोड़ खर्च कर रही है. इस तरह विभाग अब इन संस्थाओं पर करीब दोगुनी राशि खर्च करेगा.
अधीक्षक, रसोइये होंगे नियुक्त, वेतन भी बढ़ेगा
राज्य सरकार अब शेल्टर होम को चलाने के लिए ‘रिक्रूटमेंट एजेंसी’ द्वारा अधीक्षक, काउंसेलर, गृह पिता, गृह माता आदि विभिन्न पदों पर कर्मचारियों का चयन कर उनका पैनल तैयार करवायेगी. उनका वेतन भी बढ़ाया जायेगा.
समाज कल्याण विभाग अधीक्षक का वेतन 25 हजार से बढ़ाकर 40 हजार रुपये करने पर विचार कर रहा है. प्रत्येक शेल्टर होम में कम-से-कम चार मुख्य रसोइये, तीन सहायक, तीन सफाईकर्मी और पहली बार धोबी भी बहाल होंगे. रसोइये को 10 हजार और सहायक को नौ हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देने की योजना है.
एक-दो दिनों में रिक्रूटमेंट एजेंसी चयन का विज्ञापन
अगले दो-तीन दिनों में रिक्रूटमेंट एजेंसी चयन करने के लिए विज्ञापन निकाल दिया जायेगा. इसके दो महीने के अंदर सभी कर्मचारियों का पैनल बना लिया जायेगा. सभी जिलों को कामकाज में सुधार लाने का पत्र भेजा गया है.

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