उत्तर बिहार के कई गांव कोसी के निशाने पर, लगातार जारी है कटाव

सहरसा/ सुपौल : कोसी नदी का जल स्तर बढ़ते ही पूर्वी कोसी तटबंध के कछार पर बसे कई गांवों पर खतरा मंडराने लगा है. सलखुआ अंचल के बगेबा, टेंगराहा, परमानपुर गांव में कोसी नदी का कटाव शुरू हो गया है. विभाग द्वारा सिर्फ बगेबा गांव के दो स्थानों पर मामूली ढंग से निरोधात्मक कार्य कर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2018 2:36 PM

सहरसा/ सुपौल : कोसी नदी का जल स्तर बढ़ते ही पूर्वी कोसी तटबंध के कछार पर बसे कई गांवों पर खतरा मंडराने लगा है. सलखुआ अंचल के बगेबा, टेंगराहा, परमानपुर गांव में कोसी नदी का कटाव शुरू हो गया है. विभाग द्वारा सिर्फ बगेबा गांव के दो स्थानों पर मामूली ढंग से निरोधात्मक कार्य कर छोड़ दिया गया है. अगर विभाग की इस तरह की सुस्ती रही तो परिणाम भयंकर होने से इंकार नहीं किया जा सकता है. वर्ष 2016 में पिपरा, मियांजागीर, कमराडीह, बगेबा गांव के करीब 800 घर कोसी नदी में समा गये थे. खासकर बगेबा गांव के 400 में से करीब 200 घर कोसी नदी के पेट में पहले ही जा चुके हैं.

विभागीय सुस्ती के कारण इस वर्ष शेष बचे घर भी नदी में समा जायेंगे. नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी के साथ कटाव प्रारंभ होते ही ग्रामीणों की चिंता बढ़ने लगी है. पिछले वर्ष तक कोसी नदी के कटाव से पीड़ित विस्थापित हो कर ऊंचे जगह, खेत खलिहान व पूर्वी कोसी तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. अब अगर कोसी नदी का कहर होता है तो पीड़ित परिवारों को खुले आसमान के नीचे ही शरण लेना पड़ेगा. कटाव पीड़ितों के लिए अब तक पुनर्वास की व्यवस्था नहीं किये जाने पर हजारों परिवार पूर्वी कोसी तटबंध के दोनों किनारे अपना आशियाना बनाकर समय गुजारने को मजबूर हैं.

कोसी तटबंध कोपरिया डिवीजन के कार्यपालक अभियंता रमेश साह ने बताया कि बगेबा गांव के दो स्थानों पर कटाव शुरू होते ही बचाव कार्य कर दिया गया. फिलहाल कोसी नदी से कोई खतरा नहीं है. अगर कटाव शुरू होता है तो बचाव कार्य किया जायेगा.

दूसरी ओर, कोसी नदी के जल स्तर में वृद्धि से बौरहा पंचायत के अड़हा गांव में नदी का पानी फैल गया है. लोगों के घरों में पानी भी प्रवेश करने लगा है. रविवार को कोसी बराज पर बाढ़ काल अवधि के अब तक सबसे अधिक डिस्चार्ज 02 लाख 24 हजार 80 क्यूसेक दर्ज किया गया है. जो बढ़ने के क्रम में है. कोसी नदी में जल स्तर में बढ़ोतरी के साथ ही इन गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी है. चोर के डर से लोग घर को छोड़ने को भी तैयार नहीं हो रहे हैं. वहीं, कीमती सामान और पशु को ऊंचे स्थानों पर लोगों के द्वारा ले जाया जा रहा है. इसी क्रम में ऊंचे स्थानों पर लोगों द्वारा ले जाया रहा ट्रैक्टर गहरे पानी में फंस गया. जिसे भारी मशक्कत के बाद पानी से निकाला जा सका.

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