शिक्षकों को दी जायेगी विशेष ट्रेनिंग

प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए सरकार की रणनीति पटना : पिछले 10-15 सालों में स्कूली शिक्षा को बेहतर करने में सरकार को बड़े पैमाने पर कामयाबी मिली है. फिर भी अभी बहुत कुछ करने की गुंजाइश है. वर्ष 2005 में स्कूल से ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या 12.5 प्रतिशत थी, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2018 9:06 AM
प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए सरकार की रणनीति
पटना : पिछले 10-15 सालों में स्कूली शिक्षा को बेहतर करने में सरकार को बड़े पैमाने पर कामयाबी मिली है. फिर भी अभी बहुत कुछ करने की गुंजाइश है. वर्ष 2005 में स्कूल से ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या 12.5 प्रतिशत थी, जो अब करीब एक पहुंच गयी है. जाहिर है, ये अच्छे संकेत हैं. मैट्रिक और इंटरमीडिएट का अनुपात करीब-करीब बराबर हो गया है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने विभिन्न विभागों के साथ ही शिक्षा विभाग पर भी फोकस किया है. शिक्षकों को ‘मोटिवेट’ किया जायेगा. अभिभावकों से नजदीकी बढ़ायी जायेगी. इसका लाभ शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने में मिलेगा.
घर-घर तक शिक्षक की पहुंच होगी तो स्कूल में बच्चों की उपस्थिति अच्छी रहेगी. ऐसे इलाकों में शिक्षा के प्रति जागरूक करने में भी मदद मिलेगी. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए कुछ ऐसी बिंदुओं को समाहित करते हुए खास योजना बनायी है. इसके लिए राज्य स्तरीय सेल गठित की जायेगी. इसी तर्ज पर जिला स्तर पर भी व्यवस्था होगी. यहां से निरीक्षण और मॉनीटरिंग की व्यवस्था होगी.
विद्यालयों का अच्छा हो वातावरण :
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने नयी शिक्षा व्यवस्था को लेकर तमाम बिंदुओं पर बात की. उन्होंने बताया कि स्कूलों की लगातार निरीक्षण और मॉनीटरिंग होगी. स्कूलों के हेडमास्टर व शिक्षक को सहयोग किया जायेगा.
किस ढंग से बच्चों को पढ़ाया जाये, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो, गाइड किया जायेगा. शिक्षकों को मोटिवेट तो किया ही जायेगा, यह सुनिश्चित किया जायेगा कि सभी विद्यालय अच्छे वातावरण में चलें. शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. कुल मिलाकर शिक्षा विभाग की ओर से सामूहिक प्रयास होगा, ताकि स्कूली शिक्षा को और बेहतर किया जा सके.

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