लोकल हीटिंग की जद में पटना, एक दशक में तुलनात्मक रूप में सबसे अधिक है न्यूनतम तापमान

पटना : 136 वर्ग किलोमीटर में बसी बिहार की राजधानी इन दिनों लोकल हीटिंग की जद में है. यहां के 20 लाख से अधिक वाशिंदे अनियमित गर्मी झेलने को मजबूर हैं. इस लोकल हीटिंग की मुख्य वजह हरियाली का विनाश होना है. समूचे पटना जिले के केवल 0़ 8 फीसदी हिस्से पर हरियाली है. जबकि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2018 5:40 AM
पटना : 136 वर्ग किलोमीटर में बसी बिहार की राजधानी इन दिनों लोकल हीटिंग की जद में है. यहां के 20 लाख से अधिक वाशिंदे अनियमित गर्मी झेलने को मजबूर हैं. इस लोकल हीटिंग की मुख्य वजह हरियाली का विनाश होना है. समूचे पटना जिले के केवल 0़ 8 फीसदी हिस्से पर हरियाली है.
जबकि शहर के 20 लाख लोगों के बेहतर वातावरण के लिए अमूमन 75 लाख पेड़ या वनस्पतियों की जरूरत है. पटना शहर में हरियाली का घनत्व न के बराबर है. यहां प्रति व्यक्ति एक पेड़ भी मिलना मुश्किल है. कुछ हजार सजावटी पौधे लगाकर शहर के पर्यावरण को सुधारने का दावा भर है.
पिछले दस साल के अांकड़े बताते हैं कि शहर का न्यूनतम तापमान इन दिनों सबसे अधिक है. बढ़े न्यूनतम तापमान की समयावधि भी बारह घंटे से 14 घंटे तक की है. जबकि सामान्य परिस्थितियों में यह छह से आठ घंटे के आसपास रहती है. ऐसा एक दो हफ्ते से नहीं पूरे तीन माह से चल रहा है. जुलाई माह में भी न्यूनतम तापमान 27 डिग्री से ऊपर बना हुआ है. पहले इस माह में न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रहता था.
सामान्य से चार डिग्री बढ़ा तापमान
शहर में गर्मी बढ़ी हुई है. दिन में तेज धूप खिलने से अधिकतम तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. शनिवार को जहां शहर का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक 37.5 डिग्री दर्ज किया गया, वहीं रविवार को भी अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक 36.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
मौसम केंद्र की माने तो अभी एक सप्ताह तक कोई विशेष परिवर्तन नहीं होने वाला है. ऐसे ही गर्मी पड़ती रहेगी. दिन में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. इसके अलावा आद्रता भी अधिक दर्ज की जा रही है. लगातार 70 फीसदी से अधिक रहने पर लोगों को उमस का भी सामना करना पड़ रहा है.
मौसम केंद्र की मानें तो लोगों को अभी बारिश के लिए इंतजार करना पड़ेगा. बारिश की संभावना नहीं दिख रही है. आसमान साफ रहने की स्थिति रहने के मौसम केंद्र की संभावना भी लगातार फेल हो रही है.

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