नीतीश ही होंगे एनडीए का चेहरा, जदयू रहेगा लीड पार्टी, सात को भोज पर जुटेंगे एनडीए के नेता

पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ हुई बैठक के बाद बोले पवन वर्मा पटना : उपचुनावों के बाद एनडीए के घटक दलों की ओर से हो रही तल्ख टिप्पणियों के मद्देनजर सात जून को एनडीए ने पटना के ज्ञान भवन में भोज का आयोजन किया है. इसमें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 4, 2018 6:30 AM
पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ हुई बैठक के बाद बोले पवन वर्मा
पटना : उपचुनावों के बाद एनडीए के घटक दलों की ओर से हो रही तल्ख टिप्पणियों के मद्देनजर सात जून को एनडीए ने पटना के ज्ञान भवन में भोज का आयोजन किया है.
इसमें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार भी शामिल होंगे. इधर इस भोज के पहले रविवार को नीतीश कुमार ने पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों की बैठक बुलायी, जिसमें उन्होंने पार्टी महासचिव केसी त्यागी और पवन कुमार वर्मा के साथ करीब तीन घंटे तक आगामी रणनीति पर चर्चा की.
सूत्रों के अनुसार बैठक में प्रशांत किशोर भी मौजूद थे. सात सर्कुलर रोड के आवास में दोपहर 12:15 बजे बैठक शुरू हुई, जो दोपहर तीन बजे तक चली.
बैठक के बाद पवन कुमार वर्मा ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर भाजपा और अन्य घटक दल एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो बिहार में नीतीश कुमार के चेहरे पर और हमेशा की तरह जदयू लीड पार्टी रहेगा. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में ऐसा होगा. बैठक को लेकर वर्मा ने बताया कि यह एक औपचारिक बैठक थी. इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं है.
कुछ बुनियादी मसले हैं, जो हर पार्टी की अपनी विचारधारा के होते हैं, उन पर बातचीत करना पार्टी के अंदरूनी मशविरे के संदर्भ में एक रूटीन प्रक्रिया है. हमलोग जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हैं और नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. उस संदर्भ में मुलाकात हुई है. पार्टी में इस तरह की चर्चा तो चलती ही रहती है. हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ पार्टी की भावी रणनीति पर बात की.
सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा नहीं
यह पूछे जाने पर कि उपचुनावों में हुई हार को लेकर यह सहयोगी पार्टियों की मांग रही है कि सबके साथ बैठकर बात होनी चाहिए. सहयोगियों के साथ भाजपा चर्चा नहीं कर रही है. पवन वर्मा ने कहा कि हमलोगों का हमेशा से मानना है कि सहयोगी पार्टियों के साथ समानता का व्यवहार होना चाहिए, बड़ा दल हो या छोटा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ हुई बैठक में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई बात नहीं हुई.
बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी
विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर पवन वर्मा ने कहा कि जदयू ने इसे कभी नजरअंदाज नहीं किया है. यह बात तो नीतीश कुमार भी कह रहे हैं. यह बिहार के हक के लिए, बिहार के लोगों के लिए, बिहार को न्याय मिलने के लिए यह जरूरी है. मालूम हो कि हाल में हुए उपचुनावों में एनडीए प्रत्याशियों की हुई हार को लेकर ‌विभिन्न घटक दलों का दबाव भाजपा पर बढ़ गया है. इसलिए जदयू की यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
बैठक में केसी त्यागी और प्रशांत िकशोर भी थे शामिल
पार्टी के विस्तार और गठबंधन को मजबूत करने पर हुई चर्चा : त्यागी
बैठक को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने बताया कि बैठक में मुख्यत: वर्तमान राजनीतिक हालात के अलावा पार्टी के विस्तार पर चर्चा हुई. नाॅर्थ-ईस्ट काउंसिल के गठन होने के बाद वहां पर संगठन को धारदार बनाने पर बातचीत हुई. साथ ही गठबंधन को मजबूत बनाने को लेकर भी बात हुई. गठबंधन को लेकर जदयू में संतुष्टि है.
दिल्ली में अमित शाह से मिले पासवान कहा-बिहार को मिले विशेष दर्जा
दिल्ली में रविवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से केंद्रीय मंत्री व लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने मुलाकात की. 40 मिनट तक चली मुलाकात के दौरान रामविलास के बेटे व सांसद चिराग पासवान भी मौजूद थे. मुलाकात के बाद रामविलास ने कहा कि बिहार एक पिछड़ा हुआ राज्य है. उसे विशेष दर्जा जरूर दिया जाना चाहिए.
सात को भोज पर जुटेंगे एनडीए के नेता
पटना. सात जून को यहां ज्ञान भवन में एनडीए की भोज होगी. भोज का मकसद एनडीए की एकजुटता को कायम रखना बताया जा रहा है.
इसमें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव भी शामिल होंगे. अरसे बाद हो रहे एनडीए के इस तरह के कार्यक्रम के मेजबान की भूमिका में भाजपा है.
इसमें एनडीए में शामिल चारों दल भाजपा, जदयू, रालोसपा ( दोनों उपेंद्र व अरुण गुट) और लोजपा के सभी सांसद, विधायक, विधान पार्षद व पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, बिहार के सभी केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकार के सभी मंत्री शामिल होंगे. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेश कुमार ने बताया कि शाम सात बजे से कार्यक्रम शुरू होगा. इसमें केंद्र और राज्य की एनडीए सरकारों की उपलब्धियों पर चर्चा होगी.

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