स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल, पुरुषों को बना रहा नपुंसक

पटना : अगर आप भी स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल करते हैं और मोबाइल वाइब्रेशन में रखते हैं, तो अलर्ट हो जाएं. आपकी यह आदत नपुंसक भी बना सकती है. शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल और नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चर्म रोग विभाग में रोजाना दो से तीन केस ऐसे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 21, 2018 9:28 AM
पटना : अगर आप भी स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल करते हैं और मोबाइल वाइब्रेशन में रखते हैं, तो अलर्ट हो जाएं. आपकी यह आदत नपुंसक भी बना सकती है. शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल और नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चर्म रोग विभाग में रोजाना दो से तीन केस ऐसे आ रहे हैं. इन मामलों को देखते हुए डॉक्टरों ने उन मरीजों को स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल करने से मना किया है. डॉक्टरों का कहना है कि लगातार घंटों मोबाइल फोन पर बात करनेवालों के साथ इस तरह की समस्या आ रही है.
मोबाइल के गर्म होने से वैरिकोसील या अंडकोश की थैली (स्क्रोटम) की नस दबने की बढ़ जाती है आशंका
वाइब्रेशन मोड में स्मार्टफोन को रखने पर अंगों पर पड़ता है असर
ऐसे बरतें सावधानी
मोबाइल उपयोग करनेवाले लोगों को घंटों बात करने की आदत कम करनी चाहिए
कोशिश करनी चाहिए कि फोन से बात के दौरान स्मार्टफोन के बदले सिंपल फोन का इस्तेमाल करें
फिटिंग जिंस, शर्ट में रखने से बचें
बहुत जरूरी न होने पर इसे शारीरिक संपर्क से दूर किसी बैग अथवा अटैची में रखें
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
स्मार्टफोन के उपयोग से शरीर में टेस्टोस्टेरॉन की खपत बढ़ जाती है, जो स्पर्म की गुणवत्ता को प्रभावित करता है. घंटों स्मार्टफोन के इस्तेमाल करनेवालों में नपुंसकता अधिक देखने को मिल रही है. अमेरिका में भी शोध हो चुका है. ऐसे में पुरुषों को फिटिंग जींस में मोबाइल को वाइब्रेशन मोड़ में नहीं रखना चाहिए. -डॉ विकास संकर, एसोसिएट प्रोफेसर, एनएमसीएच
अंगों पर पड़ता है बुरा असर
स्किन विभाग के डॉक्टरों ने बताया कि स्मार्टफोन की वजह से पुरुषों में नपुंसकता की आशंका बढ़ जाती है. क्योंकि, जो स्मार्टफाेन आ रहे हैं, वे बार-बार गर्म हो जाते हैं. इसका असर पुरुषों के अंगों पर पड़ता है. इतना ही नहीं मोबाइल के गर्म होने से वीर्य के पतलेपन की आशंका बढ़ जाती है.
नस होती है काफी नाजुक
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बताया कि पुरुषों में वैरिकोसिल या अंडकोश की थैली (स्क्रोटम) की नस काफी नाजुक होती है. इसी नस में सूजन के बाद मरीज नपुंसक होने के कगार पर बढ़ जाते हैं. डॉक्टरों की मानें, तो वैरिकोसिल का तापमान बढ़ने से शुक्राणु के विकसित होने में बाधा पहुंचती है.
मोबाइल फोन का प्रयोग सावधानी से नहीं करना है कारण
डॉक्टरों की मानें, तो कई ऐसे मरीज हैं, जो वर्तमान में मोबाइल फोन का इस्तेमाल ठीक से नहीं कर पाते हैं. अधिकांश लोग अपने मोबाइल को वाइब्रेट मोड में रखते हैं. वह मोबाइल को शर्ट की जेब में दिल के पास और टाईट फिटिंग जींस पैंट की जेब में रखते हैं. विशेषज्ञों की मानें, तो स्मार्टफोन से निकलने वाले वेव्स काफी खतरनाक होते हैं. यह पुरुषों के शुक्राणुओं पर बुरा प्रभाव डालते हैं और उनकी संख्या और क्षमता में बीस से तीस प्रतिशत तक की कमी कर देता है. यह भी नपुंसकता और बांझपन का बड़ा कारण होता है. डॉक्टरों की मानें, तो स्मार्टफोन इस्तेमाल करनेवाले लोगों को इन्हें कवर में रखना चाहिए. डॉक्टरों के अनुसार फोन को बिना वाइब्रेशन के रखते हैं, तो कोई परेशानी नहीं है.

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