पटना : वेतन से एक तिहाई हिस्सा देने का आदेश

पटना : लवगुरु के नाम से चर्चित मटुकनाथ चौधरी की पत्नी आभा चौधरी के चेहरे पर 11 साल बाद अपने हक की लड़ाई जीतने की खुशी के साथ ही चेहरे पर सुकुन दिखा. सुप्रीम कोर्ट ने आभा चौधरी के पक्ष में फैसला किया और मटुकनाथ को अपने वेतन से एक तिहाई हिस्सा गुजारा भत्ता के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 20, 2018 9:02 AM
पटना : लवगुरु के नाम से चर्चित मटुकनाथ चौधरी की पत्नी आभा चौधरी के चेहरे पर 11 साल बाद अपने हक की लड़ाई जीतने की खुशी के साथ ही चेहरे पर सुकुन दिखा.
सुप्रीम कोर्ट ने आभा चौधरी के पक्ष में फैसला किया और मटुकनाथ को अपने वेतन से एक तिहाई हिस्सा गुजारा भत्ता के रूप में अपनी पत्नी को देने का आदेश जारी किया. इसके साथ ही न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि अवकाश प्राप्ति के बाद भी पेंशन के एक तिहाई हिस्से पर उनकी पत्नी का अधिकार होगा. विभाग उस रकम को सीधे उनकी पत्नी के बैंक एकाउंट में भेज सकता है.
आभा लगातार अपने हक को लेकर लड़ाई लड़ रही थी. मटुकनाथ पटना विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर है. मटुकनाथ वर्ष 2006 में अपनी ही क्लास की छात्रा जूली से संबंधों को लेकर चर्चा में आये थे और अखबार के सुर्खियों में भी रहे थे. जूली उनसे तीस साल छोटी थी और विवादों के बीच जूली और मटुकनाथ एक साथ वर्ष 2007 से 2014 रहे. इसके बाद जूली चली गयी. जूली के साथ संबंधों के कारण वे पटना विश्वविद्यालय से सस्पेंड हुए और फिर बर्खास्त हुए और फिर न्यायालय के आदेश के बाद उन्हें एरियर के रूप में 20 लाख रुपया और नौकरी मिली थी.
संबंधों की कहानी सामने आयी तो हक के लिए कोर्ट गयी आभा चौधरी
दोनों के संबंधों की जानकारी जब उजागर हुई तो मटुकनाथ की पत्नी आभा के बीच कई बार तकरार भी हुआ. इसके बाद मटुकनाथ अपना घर छोड़ कर जूली के साथ ही पटना में किराये के मकान में रहने लगे.
अपने हक को लेने के लिए मटुकनाथ की पत्नी आभा चौधरी ने 2007 में न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और सिविल कोर्ट से शुरू हुई लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंची. इस दौरान 53 वर्षीय आभा ने कानून की पढ़ाई भी की, ताकि वह कानूनी मामलों को समझ सके. इसके बाद आभा को न्याय मिला. फिलहाल मटुकनाथ शास्त्रीनगर इलाके में किराये का कमरा लेकर रह रहे हैं.

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