बिहार : मध्याह्न भोजन के लिए स्कूलों की रसोई होगी आधुनिक…जानें कैसे

पटना : राज्य के वैसे प्राथमिक व मध्य विद्यालय जहां मध्याह्न भोजन योजना के लिए रसोईघर नहीं है, वहां प्री-फैब्रिकेटेड किचेन तैयार किये जायेंगे. इसके लिए मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक विनोद कुमार सिंह ने सभी जिलों के डीईओ को निर्देश जारी कर दिया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि वैसे स्कूल जहां जमीन के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 10, 2018 7:40 AM
पटना : राज्य के वैसे प्राथमिक व मध्य विद्यालय जहां मध्याह्न भोजन योजना के लिए रसोईघर नहीं है, वहां प्री-फैब्रिकेटेड किचेन तैयार किये जायेंगे. इसके लिए मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक विनोद कुमार सिंह ने सभी जिलों के डीईओ को निर्देश जारी कर दिया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि वैसे स्कूल जहां जमीन के अभाव में रसोई और भंडारगृह का निर्माण नहीं कराया गया है, वैसे स्कूलों में अगर भवन है तो उसके छत पर एक रूम का निर्माण कराया जाये.
इसमें बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था होगी और स्कूल के खाली भवन में मध्याह्न भोजन बन सकेगा. वहीं, अगर भवन की स्थिति ठीक नहीं है तो वहां प्री-फैब्रिकेटेड कमरा का निर्माण कराया जाये. साथ ही छत पर जाने के लिए सीढ़ी का भी निर्माण हो. इसमें मिड डे मील बनेगा और उसकी सामग्रियों को भी रखा जायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग सभी जिलों से ऐसे स्कूलों की संख्या सुनिश्चित कर भेजने का निर्देश दिया है. हर जिले में ऐसे कितने स्कूल हैं जहां मिड डे मील के लिए रसोई और भंडारण की व्यवस्था नहीं है. कई जगहों पर दूसरे जगह किराया का कमरा लेकर मध्याह्न भोजन बनाने और भंडारण की व्यवस्था होती है. इसको को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है.
– बना-बनाया स्ट्रक्चर होता है प्री-फैब्रिकेटेड सेट : प्री-फैब्रिकेटेड सेट बना-बनाया स्ट्रक्चर होता है. इसे नट-बोल्ट और क्लैप पर कसना होता है. इसके लिए न तो दीवार की जरूरत होती है और न ही पिलर की. छत से लेकर दीवार तक मेटल, चदरा, फाइवर और प्लाई तक के आते हैं. जिलों से ऐसे स्कूलों की संख्या आने पर विभाग की ओर से किस तरह के मेटेरियल का उपयोग करना है इसके बारे में बताया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version