कोहरे के चलते ट्रेनों में ही 10 हजार यात्रियों को मनाना पड़ा नया साल

पटना : स्कूलों में क्रिसमस की छुट्टी के बाद नया साल मनाने अपनी मनचाही जगहों पर जाने के लिए विभिन्न ट्रेनों से रवाना हुए करीब 10 हजार लोगों को ट्रेनों में ही नया साल मनाना पड़ा. दरअसल कोहरे के चलते ट्रेनों के समय पर नहीं चल पाने की वजह से ऐसा हुआ. पिछले वर्ष 22 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 3, 2018 6:22 AM
पटना : स्कूलों में क्रिसमस की छुट्टी के बाद नया साल मनाने अपनी मनचाही जगहों पर जाने के लिए विभिन्न ट्रेनों से रवाना हुए करीब 10 हजार लोगों को ट्रेनों में ही नया साल मनाना पड़ा.
दरअसल कोहरे के चलते ट्रेनों के समय पर नहीं चल पाने की वजह से ऐसा हुआ. पिछले वर्ष 22 दिसंबर से एक जनवरी के बीच दो लाख 96 हजार 638 लोगों ने ट्रेन में टिकट बुक कराया. वहीं, इसी अवधि में इस वर्ष तीन लाख 23 हजार 143 लोगों ने ट्रेन में टिकट बुक कराया है. जानकारी के मुताबिक ट्रेनों की लेटलतीफी ने दस हजार से अधिक यात्रियों के नये साल के जश्न को फीका कर दिया. ट्रेनें विलंब होने की वजह से रेलयात्री निर्धारित समय पर गंतव्य स्थान नहीं पहुंचे सके.
सोमवार के बदले मंगलवार को पहुंचीं ट्रेनें : घने कोहरे में सबसे अधिक पटना-दिल्ली-पटना रेलखंड की ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. इससे ट्रेनों का परिचालन अस्त-व्यस्त हो गया है. स्थिति यह है कि 31 दिसंबर को दिल्ली से खुलनेवाली ट्रेनों को सोमवार को पहुंच जाना चाहिए था, लेकिन मंगलवार की सुबह तक पहुंचीं.
राजधानी एक्सप्रेस का दिल्ली स्टेशन से शाम 5:15 बजे खुलने का समय है, लेकिन करीब 14 घंटे रिशिड्यूल कर रवाना किया गया और यह पटना जंक्शन करीब 23 घंटे की देरी से मंगलवार की सुबह 4:30 बजे पहुंची. संपूर्णक्रांति 25 घंटे, विक्रमशिला 23 घंटे, ब्रह्मपुत्र मेल 20 घंटे की देरी से पटना जंक्शन पहुंची. वहीं, मगध एक्सप्रेस 12 घंटे की देरी से सोमवार की रात एक बजे और सुबह सात बजे पहुंचने वाली श्रमजीवी शाम 3:00 बजे जंक्शन पहुंची.
ट्रेनों में ही मंगाया पिज्जा और केक
राजधानी एक्सप्रेस से पटना आये यात्री संजीव बताते हैं कि वे पत्नी व बच्चे के साथ घर आ रहे थे, ताकि परिवार के साथ नये साल का जश्न मनाया जाये. इसको लेकर 31 को टिकट बुक कराया गया, लेकिन ट्रेन निर्धारित समय के बदले अगले दिन सुबह 7:40 बजे खुली. इससे अहले सुबह तीन बजे घर से निकलना पड़ा. पूरे परिवार के साथ नये साल का जश्न नहीं मनाने का मलाल रहा. वहीं, मजबूरन ट्रेन में ही पिज्जा व केक मंगवाया. कई अन्य यात्रियों ने भी नये साल का जश्न इसी तरह मनाया.

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