निगम के साथ अब बंदोबस्तधारी भी बेच रहे बालू-गिट्टी

पटना : प्रदेश में बालू-गिट्टी बिक्री को लेकर ऊहापोह की स्थिति बन गयी है. एक तरफ प्रदेश सरकार का बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड इसकी बिक्री कर रहा है तो दूसरी तरफ बंदोबस्तधारी भी पहले की तरह ही इसे बेचने लगे हैं. ऐसे में दोनों की कीमत में भी अंतर दिख रहा है. निगम ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 14, 2017 7:13 AM
पटना : प्रदेश में बालू-गिट्टी बिक्री को लेकर ऊहापोह की स्थिति बन गयी है. एक तरफ प्रदेश सरकार का बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड इसकी बिक्री कर रहा है तो दूसरी तरफ बंदोबस्तधारी भी पहले की तरह ही इसे बेचने लगे हैं. ऐसे में दोनों की कीमत में भी अंतर दिख रहा है. निगम ने जहां इसकी कीमत तय कर रखी है, वहीं बंदोबस्तधारियों से निकलने वाले बालू-गिट्टी की कीमत तय नहीं है. ये ग्राहक के अनुसार मनमानी कीमत ले रहे हैं.
हालांकि इनको ढोनेवाली गाड़ियों में जीपीएस, ई-लॉक और ई-चालान की व्यवस्था लागू है. अब सबकी निगाहें 15 दिसंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं.
बिहार लघु खनिज नियमावली 2017 पर पटना हाईकोर्ट की रोक और पुरानी नियमावली से बालू-गिट्टी व मिट्टी का खनन व बिक्री के आदेश के बाद खान एवं भूतत्व विभाग इसका पालन करने की बात कह रहा है. वहीं बंदोबस्तधारी अब पहले की तरह ही इनका खनन व बिक्री करने लगे हैं. सूत्रों की मानें तो बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड के पास इस समय बालू व गिट्टी का पर्याप्त भंडार बफर स्टॉक डिपो में है. वहां से फिलहाल इसकी बिक्री भी हो रही है.
निगम को मिलनेवाले ऑर्डर में आयी कमी : सूत्रों की मानें तो बंदोबस्तधारियों द्वारा बेची जाने वाली बालू-गिट्टी की कीमत तय नहीं है. इसलिये वे इसे ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार इसे मनमानी कीमत पर बेच रहे हैं.
वहीं आधिकारिक सूत्रों की मानें तो कोर्ट के आदेश के बाद निगम को ग्राहकों से मिलने वाले बालू-गिट्टी के ऑर्डर में कमी आयी है. इसका कारण यह बताया जा रहा है कि बंदोबस्तधारियों का नेटवर्क पहले से बरकरार है.

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