भवनहीन 270 स्कूलों का फिर से होगा समायोजन

पटना : एक ओर सर्व शिक्षा अभियान के तहत सब पढ़े-सब बढ़े थीम के साथ प्रत्येक बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के लिए काम कर रही है. वहीं, दूसरी ओर सरकार विद्यालयों का समायोजन कर बच्चों को स्कूल की पहुंच से दूर कर रही है. पटना जिले के एक कैंपस में संचालित 188 विद्यालयों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2017 8:07 AM
पटना : एक ओर सर्व शिक्षा अभियान के तहत सब पढ़े-सब बढ़े थीम के साथ प्रत्येक बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के लिए काम कर रही है. वहीं, दूसरी ओर सरकार विद्यालयों का समायोजन कर बच्चों को स्कूल की पहुंच से दूर कर रही है. पटना जिले के एक कैंपस में संचालित 188 विद्यालयों के समायोजन के बाद अब फिर से 270 विद्यालयों का समायोजन करने जा रही है. इससे अब पटना जिले के प्रारंभिक विद्यालयों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ने के बजाय घटती ही जा रही है.
एक कैंपस में चल रहे 188 स्कूलों का हो चुका है समायोजन: बीते पांच महीनों में पटना जिले में 188 विद्यालयों का समायोजन कर दिया गया था. ये सभी विद्यालय ऐसे थे, जिसकी स्थापना तो कहीं और हुई थी पर शहरीकरण और परियोजनाओं के कारण इन्हें अपने मूल स्थान से दूसरे विद्यालयों में शिफ्ट कर दिया गया था. इससे एक कैंपस में कई विद्यालय संचालित किये जा रहे थे. इनकी संख्या 400 से के लगभग है. इनमें से 188 विद्यालयों का समायोजन किया गया है. इसके बाद अब भवनहीन व भूमिहीन 270 विद्यालयों की सूची तैयार की गयी है. जिसका समायोजन किया जाना है. विभाग के अनुमोदन के बाद अब स्कूलों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा.
पोषक क्षेत्र में स्थित स्कूल में जायेंगे पढ़ने : समायोजन के बाद इन विद्यालयों के बच्चों का समायोजन एक किलोमीटर के दायरे में स्थित विद्यालयों में बच्चों का समायोजन किया जायेगा. साथ ही उन विद्यालयों के शिक्षकों को भी अब दूसरे विद्यालय जहां, शिक्षक-छात्र अनुपात में कमी होगी. उन्हें वहां भेजा जायेगा.
पूरे बिहार में 70 हजार विद्यालय
बिहार में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों की संख्या 70 हजार हैं. इनमें प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 38 हजार व मध्य विद्यालयों की संख्या 32 हजार है. वहीं, पटना जिले में कुल 3339 प्राथमिक और मध्य विद्यालय हैं. प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 2183 और मध्य विद्यालय की संख्या 1140 है.
यह हो रही थी परेशानी
स्कूलों का अपना भवन नहीं होने से झुग्गी-झोंपड़ी में संचालित किये जा रहे हैं. इन स्कूलों में न तो शौचालय है और न ही अलग-अलग बच्चों के लिए क्लास रूम की सुविधा. न ही मिड-डे-मील बनाने के लिए पर्याप्त जगह. अत: इस योजना से भी वंचित रहना पड़ रहा है.
स्कूल बुरी स्थिति में संचालित हो रहे हैं. इन स्कूलों में बच्चों के लिये मध्याह्न भोजन बनाने तक की व्यवस्था तक नहीं है. सूची तैयार कर विभाग के पास भेजा गया है.
रामसागर सिंह, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान

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