होमगार्डों को 42 की बजाय अब 120 दिनों की ट्रेनिंग

पटना : विधि-व्यवस्था, यातायात व्यवस्था से लेकर आपदा राहत में अपनी भूमिका को महत्वपूर्ण बनाने वाले होमगार्ड के जवान पहले से ज्यादा सशक्त और ट्रेंड होंगे. वजह है प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव. पहले भर्ती होने के बाद 42 दिनों के प्रशिक्षण के बाद जवानों को काम में लगा दिया जाता था. अब ऐसा नहीं हो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 11, 2017 8:08 AM
पटना : विधि-व्यवस्था, यातायात व्यवस्था से लेकर आपदा राहत में अपनी भूमिका को महत्वपूर्ण बनाने वाले होमगार्ड के जवान पहले से ज्यादा सशक्त और ट्रेंड होंगे. वजह है प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव. पहले भर्ती होने के बाद 42 दिनों के प्रशिक्षण के बाद जवानों को काम में लगा दिया जाता था. अब ऐसा नहीं हो रहा है. अब 42 की जगह 120 दिनों की ट्रेनिंग दी जा रही है.
इतना ही नहीं, सामान्य प्रशिक्षण के अलावा तमाम ऐसी चीजों को प्रशिक्षण में शामिल किया गया है, जो मुश्किल वक्त में काम आयेंगे. बिहार पुलिस की तर्ज पर होमगार्ड जवानों को प्रशिक्षण देने पर शुरू से ही जोर है. वजह भी है. पुलिस के साथ कंधा से कंधा मिलाकर होमगार्ड अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. हर मुश्किल वक्त में सबसे पहले होमगार्ड के जवान याद किये जाते हैं. समय से पहुंचने में भी इनका जोर नहीं.
ऐसे में इनके प्रशिक्षण को और बेहतर करने को लेकर सरकार ने गंभीरता से सोचा. अब उसका परिणाम भी दिखने लगा है. 42 के बदले 120 दिन का प्रशिक्षण अब दिया जा रहा है. इसके अलावा यातायात, नर्सिंग, फायर आदि क्षेत्र की भी ट्रेनिंग दी जा रही है. एसडीआरएफ के साथ ही होमगार्ड जवानों को लगाया जा रहा है.

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