आरओ मशीनें एक माह में ही खराब

पटना जंक्शन का हाल. सितंबर में लगायी गयी थीं मशीनें पटना : रेलकर्मियों को पीने के पानी की दिक्कत नहीं हो. इसको लेकर रेलवे प्रशासन ने दर्जनों कार्यालयों में रिवर्स ओस्मोसिस (आरओ) वाटर प्यूरिफायर लगाया, ताकि कर्मियों को शुद्ध पानी मिले. स्थिति यह है कि सितंबर माह में आरओ प्लांट इंस्टॉल किये गये, लेकिन मेंटेनेंस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 11, 2017 8:07 AM
पटना जंक्शन का हाल. सितंबर में लगायी गयी थीं मशीनें
पटना : रेलकर्मियों को पीने के पानी की दिक्कत नहीं हो. इसको लेकर रेलवे प्रशासन ने दर्जनों कार्यालयों में रिवर्स ओस्मोसिस (आरओ) वाटर प्यूरिफायर लगाया, ताकि कर्मियों को शुद्ध पानी मिले.
स्थिति यह है कि सितंबर माह में आरओ प्लांट इंस्टॉल किये गये, लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में अक्तूबर माह में ही खराब हो गये और अब तक खराब पड़े हुए हैं. स्थिति यह है कि मंडल क्षेत्र में 30 से 35 आरओ मशीन हैं, जो जर्जर पड़े हुए हैं. दो-तीन वर्ष पहले भी मंडल रेल प्रशासन द्वारा आरओ मशीनों की खरीदारी की गयी. इनकी खरीदारी में दो एजेंसियों के बीच कीमत को लेकर विवाद हुआ और सीबीआई से शिकायत की गयी. रेट को लेकर की गयी शिकायत पर सीबीआई ने जांच शुरू की, लेकिन अब तक जांच के परिणाम नहीं आये हैं. वहीं, रेलवे प्रशासन ने राजेंद्र नगर टर्मिनल स्थित सीआईटी कार्यालय के साथ-साथ स्टेशन प्रबंधन कार्यालय के समीप आरओ मशीन इंस्टॉल किया. लेकिन, यह मशीन खराब पड़ी है.
राजेंद्र नगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स (आरएनसीसी) में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी काम करते हैं. इन कर्मियों के लिए पूर्व मध्य रेल व दानापुर महिला कल्याण संगठन द्वारा आरओ प्लांट लगाया गया, जिसका उद्घाटन 18 सितंबर को किया गया. हालांकि, उद्घाटन के एक महीना बाद ही यह खराब हो गया. यह स्थिति सिर्फ आरएनसीसी में ही नहीं है, बल्कि सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटलों में भी है. हॉस्पिटल में पांच आरओ मशीनें लगायी गयी हैं, जो मेंटेनेंस के अभाव में धूल खा रही हैं और मरीज से लेकर कर्मी तक पीने के पानी को लेकर परेशान होते रहते हैं.
रेलमंडल के जिन-जिन कार्यालयों में आरओ मशीन लगायी गयी हैं, उनके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी संबंधित कार्यालय के अधिकारी की है. अगर संबंधित कार्यालय से ठीक नहीं होने वाली है, तो वरीय अधिकारी को सूचित करेंगे. वर्षों पहले आरओ मशीन की खरीद में कीमत को लेकर सीबीआई जांच की गयी थी, लेकिन अब तक परिणाम नहीं आया है.
संजय प्रसाद, पीआरओ, रेल मंडल, दानापुर

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