शरद पर गहराया सियासी संकट, जदयू ने कहा-राज्यसभा की सदस्यता बचाने के लिए ढोंग कर रहे हैं

पटना : कभी राष्ट्रीय राजनीति और बिहार की सियासत में मुख्य चेहरा रहे शरद यादव इन दिनों कई संकटों से जूझ रहे हैं. शरद यादव अपने आपको असली जदयू का नेता मानते हैं. शरद यादव ने पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी बिहार सरकार में पूर्व मंत्री रहे रमई राम को दी है. उसके बाद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 23, 2017 10:59 AM

पटना : कभी राष्ट्रीय राजनीति और बिहार की सियासत में मुख्य चेहरा रहे शरद यादव इन दिनों कई संकटों से जूझ रहे हैं. शरद यादव अपने आपको असली जदयू का नेता मानते हैं. शरद यादव ने पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी बिहार सरकार में पूर्व मंत्री रहे रमई राम को दी है. उसके बाद से बिहार के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. जदयू के कई नेताओं ने शरद यादव पर तंज कसते हुए उन्हें ढोंगी तक कह दिया है. राज्यसभा सांसद और जदयू नेता आरसीपी सिंह ने मीडिया से बातचीत में यह कहा है कि शरद यादव किस हैसियत से पदाधिकारियों और प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर रहे हैं ? सिंह ने यह भी कहा कि शरद यादव पूरी तरह से राजनीतिक मर्यादा का माखौल उड़ा रहे हैं. जदयू का कहना है कि पार्टी पर उनका किया गया दावा, पहले ही चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है, अब वह किसी तरह से अपनी सदस्यता को बचाना चाहते हैं.

महागठबंधन टूटने के बाद से शरद यादव लगातार नीतीश गुट पर हमलावर रहे हैं. उन्होंने अपने तरीके से पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति कर विवाद को एक नयी हवा दे दी है. जदयू नेता आरसीपी सिंह का कहना है कि कांग्रेस, एनसीपी और वाम दल के साथ शरद का मामला राज्यसभा की इथिक्स कमेटी को भेजने की बात कर रहे हैं. सवाल यह उठता है कि शरद पर क्या करप्शन के आरोप हैं या कोई अनुचित काम करने का मामला है. शरद ने स्वयं जदयू से नाता तोड़ा था, साथ ही जब वे जदयू के ही सदस्य नहीं तो फिर जदयू के सांसद कैसे रह सकते हैं. बिहार में सत्ताधारी जदयू ने पार्टी के नाराज नेता शरद यादव के धड़े के आगामी 11 मार्च को पार्टी पदाधिकारियों के चुनाव की घोषणा और छोटू भाई वासव को कार्यकारी अध्यक्ष एवं अली अनवर को उपाध्यक्ष समेत कुछ अंतरिम पदाधिकारियों की नियुक्तियों को पूरी तरह से एक सियासी मजाक करार दिया.

जदयू द्वारा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से जनता के बीच जाकर स्पष्टीकरण दिए जाने की मांग को प्रदेश की पिछली महागठबंधन सरकार में शामिल राजद द्वारा ठुकरा दिए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस के साथ नाता तोड़कर भाजपा के साथ प्रदेश में राजग की नयी सरकार बनाने पर शरद धड़े के नेताओं ने बागी रख अपना लिया था. उधर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी कैडर और सभी विधायक जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ हैं. वे केवल लोगों के मन में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. शरद ने शनिवार को नयी दिल्ली में राज्यों में पार्टी की इकाइयों के अध्यक्षों की भी एक सूची जारी की थी. पूर्व मंत्री रमई राम की अगुवाई में बिहार के लिए भी तदर्थ समिति के सदस्यों की घोषणा की थी.

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