170 अनाथ मासूमों को अब मिलेगा अपना ”घर-आंगन”

पटना: प्रदेश के 170 अनाथ मासूमों को जल्दी ही अपना ‘घर-आंगन’ मिलेगा. इसकी तैयारी में बिहार सरकार जुट गयी है. फिलहाल करीब 200 बच्चे बिहार सरकार के पास हैं, जो अनाथ हैं. इनको गोद दिया जा सकता है. इसके लिये तय प्रक्रिया है, जिसे पूरी करने के बाद बच्चों को गोद दिया जाता है. समाज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 23, 2017 8:29 AM

पटना: प्रदेश के 170 अनाथ मासूमों को जल्दी ही अपना ‘घर-आंगन’ मिलेगा. इसकी तैयारी में बिहार सरकार जुट गयी है. फिलहाल करीब 200 बच्चे बिहार सरकार के पास हैं, जो अनाथ हैं. इनको गोद दिया जा सकता है. इसके लिये तय प्रक्रिया है, जिसे पूरी करने के बाद बच्चों को गोद दिया जाता है. समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसी वित्तीय वर्ष में 170 बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.

करना होता है ऑनलाइन आवेदन अगर आप किसी अनाथ बच्चे को गोद लेना चाहते हैं तो इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है. जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के छह से आठ माह के लंबे इंतजार के बाद ही आप बच्चा गोद ले पाते हैं. हालांकि यह अवधि और लंबी हो सकती है क्योंकि पूरे देश में बच्चों को गोद लेने की प्रतीक्षा सूची काफी लंबी होती है. यह नयी व्यवस्था महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने की है.
पहले था आसान : पहले किसी अनाथ बच्चे को गोद लेना बहुत आसान था. संबंधित विभाग में आवेदन के बाद जिला जज की अनुमति से बच्चा मिल जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है. बिना आवेदन चाहत पूरी नहीं होगी. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अपने नियमों में कई बड़े बदलाव पिछले साल ही कर दिये थे. कुल मिलाकर विभाग यह चाहता है कि ऐसे व्यक्ति को बच्चा गोद दिया जाये, जो बच्चे का भरण-पोषण ठीक से कर सके. गोद देने से पहले सामाजिक और आर्थिक स्थिति भी जांची जायेगी.

बच्चा गोद देने के लिए औपचारिकता पूरी करा रही सरकार वेबसाइट पर आवेदन : अब सेंट्रल एडॉप्सन रिसोर्स एजेंसी (सारा) की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सीएआरए डॉट एनआईसी डॉट इन पर आवेदन के समय ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, पैनकार्ड समेत कई प्रमाण पत्र देने होते हैं. योजना के तहत आवेदन के बाद छह बच्चों की फोटो, नाम आदि विवरण आवेदनकर्ता को उसकी ईमेल आइडी पर भेज दी जाती है. उनमें से किन्हीं दो बच्चों को वह चुनता है. इन दो बच्चों से वह मिल भी सकता है. इसके बाद किसी एक बच्चे को उसे गोद दिया जाता है. गोद देने के लिए जिला जज के न्यायालय में आवेदन किया जाता है. स्वीकृति के बाद बच्चा गोद मिल जाता है.
अकेले हैं तो बच्ची नहीं: पुरुष जिसने विवाह नहीं किया है, उसे बच्ची गोद नहीं दी जायेगी. कोई भी महिला जो अकेले या पति के साथ रहती है, वह बच्ची या बच्चा गोद ले सकती है.

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